जीवन जागृति सोसायटी का असर
भागलपुर समाज सेवा की प्रेरणा कभी–कभी ऐसी जगह से आती है, जहाँ कोई उम्मीद नहीं करता। दरभंगा के एक साधारण मजदूर रामबाबू पासवान की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जो व्यक्ति रोज़ मेहनत–मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरता है, वही जब समाज और देशहित की सोच लेकर भागलपुर तक पहुँच जाए—तो यह सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि सोच में आया क्रांतिकारी बदलाव है।
रामबाबू पासवान जीवन जागृति सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे जीवन रक्षा से जुड़े अभियानों के वीडियो देखते थे। इन अभियानों का नेतृत्व सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह करते हैं। अजय सिंह के कार्यों का प्रभाव इतना गहरा पड़ा कि रामबाबू ने कहा,
“अजय सर का जज़्बा देखकर मेरे अंदर कुछ टूट गया और कुछ नया बन गया। लगा कि गरीब होकर भी समाज के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है।”
दरभंगा से भागलपुर का सफर सिर्फ प्रेरणा नहीं, एक जिम्मेदारी की भावना थी
रामबाबू बताते हैं कि वे पहली बार अजय सिंह से दिल्ली में ‘आपदा फ़रिश्ता कार्यक्रम’ के दौरान मिले थे। वहाँ वे वेटर का काम करते थे। अजय सिंह उन दिनों आपातकालीन सहायता और समाज सेवा से जुड़े बड़े अभियानों में सक्रिय थे।
अजय सिंह ने याद करते हुए कहा:
“रामबाबू में उस दिन से मैंने एक अलग आग देखी थी। वह मजदूर है, संघर्ष करता है, लेकिन देश के लिए सोचने वाला आदमी है। ऐसे लोग ही असली प्रेरणा होते हैं।”
आर्थिक तंगी के बावजूद समाज सेवा की ललक
रामबाबू ने बताया कि परिवार चलाना आसान नहीं है, फिर भी समाज के लिए कुछ करने की इच्छा उन्हें अंदर से खींच लाती है। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रेरणा नहीं, एक नैतिक जिम्मेदारी है।
“गरीब हूँ, लेकिन समाज के लिए दिल बड़ा है”—रामबाबू की इस एक लाइन में उनकी पूरी लड़ाई और सोच की तस्वीर साफ दिखती है।
अजय सिंह ने दिया भरोसा—“भागलपुर में काम की व्यवस्था करेंगे”
डॉ. अजय कुमार सिंह ने आश्वासन दिया कि रामबाबू को भागलपुर में रोजगार उपलब्ध कराने में मदद की जाएगी, ताकि वे आर्थिक दवाब से मुक्त होकर समाज सेवा में ज्यादा समय दे सकें।
उन्होंने कहा, “जब एक मजदूर समाज सुधार की सोच लेकर आगे आए, तो समझिए कि देश में बदलाव की लहर चल पड़ी है।”
जीवन जागृति सोसायटी के कार्यक्रमों का असर दूर-दूर तक
सोसायटी के अभियान—जीवन रक्षा, दुर्घटना जागरूकता, आपदा प्रबंधन, रक्तदान, और मानवीय सहायता—देशभर में लोगों को जोड़ रहे हैं। रामबाबू पासवान जैसे लोग यह साबित करते हैं कि इस आंदोलन की प्रेरणा अब गाँव–कस्बों के आम घरों तक पहुँच चुकी है।
एक मजदूर की कहानी ने दिया बड़ा संदेश
रामबाबू पासवान आज सिर्फ एक मजदूर नहीं, बल्कि एक जीते-जागते उदाहरण बन गए हैं कि प्रेरणा और इच्छा शक्ति किसी भी सामाजिक बदलाव की शुरुआत कर सकती है।
भागलपुर का यह सफर प्रेरणा का नहीं, बल्कि एक आत्मबल का प्रमाण है—कि बदलाव की शुरुआत किसी साधारण इंसान से भी हो सकती है।


