पटना | 16 जुलाई 2025:बिहार में मतदाता जागरूकता अभियान को नई दिशा देने के उद्देश्य से राज्य निर्वाचन विभाग ने लोकप्रिय फिल्म अभिनेता क्रांति प्रकाश झा और अभिनेत्री-खिलाड़ी नीतू चंद्रा को राज्य स्तरीय SVEEP आइकॉन नियुक्त किया है। इन दोनों हस्तियों की भागीदारी से आगामी चुनावों में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और नागरिकों को मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा।
क्या है SVEEP अभियान?
SVEEP यानी Systematic Voters’ Education and Electoral Participation—भारत निर्वाचन आयोग की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य मतदाता शिक्षा, भागीदारी और जागरूकता को बढ़ावा देना है। अब इस मुहिम में बिहार से जुड़े इन दो चर्चित चेहरों को जोड़ा गया है ताकि अभियान की पहुँच आम जन तक प्रभावशाली ढंग से हो सके।
लोकप्रियता का जनहित में उपयोग
क्रांति प्रकाश झा, जो “धर्म क्षेत्र”, “रणवीर”, और “लिपस्टिक अंडर माय बुरका” जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से पहचाने जाते हैं, बिहार के युवाओं में एक चर्चित चेहरा हैं। वहीं, नीतू चंद्रा, जो बॉलीवुड अभिनेत्री होने के साथ-साथ ओलंपिक स्तर की खिलाड़ी भी रह चुकी हैं, राज्य की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी हैं। इन दोनों की सामाजिक विषयों में सक्रिय भागीदारी को देखते हुए निर्वाचन विभाग को उम्मीद है कि यह नियुक्ति मतदाता जागरूकता में सार्थक भूमिका निभाएगी।
मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण में भी तेजी
निर्वाचन विभाग ने जानकारी दी कि राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) के तहत अब तक 88.65% गणना प्रपत्र एकत्र किए जा चुके हैं और इनमें से 81.56% प्रपत्र आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। हालांकि अभी भी लगभग 6.5% मतदाताओं से संपर्क नहीं हो सका है, जिनमें 4.5% मतदाता अपने पते पर नहीं मिले और 2.2% अन्यत्र स्थानांतरित हो चुके हैं।
अभियान के समाप्त होने में केवल 9 दिन शेष
चूंकि पुनरीक्षण अभियान की अंतिम तिथि समीप है, इसलिए निर्वाचन विभाग ने अपनी गति तेज कर दी है। सभी बीएलओ और क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शेष बचे मतदाताओं से हर हाल में संपर्क करें और उनका डेटा सुनिश्चित करें। इसके अलावा विभाग सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी और लोकल इवेंट्स के माध्यम से भी अभियान को जन-जन तक पहुंचा रहा है।
नए आइकॉनों से नई ऊर्जा
क्रांति प्रकाश झा और नीतू चंद्रा जैसे चर्चित कलाकारों को SVEEP आइकॉन बनाने की भारत निर्वाचन आयोग ने भी औपचारिक स्वीकृति दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि यह कदम खासतौर पर पहली बार वोट देने वाले युवाओं को प्रेरित करेगा और बिहार में लोकतंत्र की भागीदारी को सशक्त बनाएगा।
मतदाता जागरूकता सिर्फ एक अभियान नहीं, लोकतंत्र की नींव है।
आपका नाम, आपका वोट — आपके अधिकार की सबसे मजबूत आवाज़ है।


