सुपौल | 3 अगस्त 2025: नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश का असर अब बिहार में साफ़ तौर पर दिखने लगा है। सुपौल ज़िले के वीरपुर स्थित कोसी बराज के 26 फाटक रविवार को खोल दिए गए, जिससे बाढ़ की आशंका एक बार फिर मंडराने लगी है। कोसी नदी का जलस्तर 1.89 लाख क्यूसेक तक पहुँच चुका है। प्रशासन ने तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी है और जल संसाधन विभाग पूरी तरह सतर्क है।
नेपाल की बारिश बनी चिंता, जलस्तर में तेज़ी से इज़ाफ़ा
रविवार को सुबह 6 बजे से नेपाल के बराह क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ना शुरू हुआ। सुबह जहां 1.23 लाख क्यूसेक बहाव दर्ज किया गया था, वहीं 10 बजे तक यह 1.32 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। दोपहर 2 बजे तक कोसी नदी के मुख्य बहाव क्षेत्र में जलस्तर 1.89 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया।
कोसी बराज कंट्रोल रूम के अनुसार, भारी दबाव को देखते हुए 56 में से 26 फाटक खोलकर पानी छोड़ा गया है, ताकि जल का प्रवाह नियंत्रित किया जा सके और तटबंधों पर दबाव न बढ़े।
किसानों के लिए राहत के साथ खतरे के संकेत
इधर, किसानों को राहत देने के उद्देश्य से पूर्वी कोसी मुख्य नहर में 6,500 क्यूसेक और पश्चिमी कोसी मुख्य नहर में 6,200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है ताकि धान की खेती को पर्याप्त सिंचाई मिल सके।
हालांकि, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रविवार रात से लेकर गुरुवार तक नेपाल में फिर से भारी बारिश हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो कोसी का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति गंभीर रूप ले सकती है।
तटबंधों की निगरानी तेज, विभाग सतर्क
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता वरुण कुमार ने बताया कि
“फिलहाल सभी तटबंध और संरचनाएँ सुरक्षित हैं। जलस्तर पर लगातार नज़र रखी जा रही है। किसी प्रकार के रिसाव या क्षति की कोई सूचना नहीं है। विभाग चौकस है और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।”
अधिकारियों की टीमें लगातार स्पर, स्टर्ड और तटबंधों की भौतिक जांच कर रही हैं। ग्रामीण इलाकों में माइकिंग कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है।
क्या होता है जब फाटक खोले जाते हैं?
कोसी बराज के 56 फाटकों को नियंत्रित तरीके से खोला जाता है। जब नदी का बहाव सामान्य से कहीं अधिक हो जाता है, तब बाढ़ नियंत्रण के लिए फाटक खोले जाते हैं।
पिछले वर्ष की तरह यदि वर्षा और बहाव में वृद्धि होती रही, तो सभी 56 फाटक खोलने की नौबत आ सकती है।
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता जरूरी
हालांकि अभी तक बाढ़ जैसी कोई विकराल स्थिति नहीं बनी है, लेकिन जल स्तर की रफ्तार चिंता बढ़ा रही है। प्रशासन ने निचले इलाकों में बसे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अगर नेपाल में बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले दिनों में कोसी का रौद्र रूप देखने को मिल सकता है।






