क्या आपने भी अभी तक पटना सिटी की खास खुरचन मिठाई नहीं खाई है तो पटना सिटी की कचौड़ी गली में चले आईए जहां 100 साल पुरानी दुकान है, जो अपनी खास मिठाई ‘खुरचन’ के लिए प्रसिद्ध है। इस मिठाई का स्वाद लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां के दुकानदार महादेव गुप्ता बताते हैं कि यह दुकान 1930 से भी पहले से संचालित हो रही है। हालांकि, इस दुकान का रजिस्ट्रेशन 1930 में हुआ था। 04 पीढ़ियों से चल रही इस दुकान की खुरचन मिठाई के आम से लेकर खास सभी फैन हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी रहे हैं मुरीद
दुकानदार महादेव गुप्ता बताते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी यह मिठाई बेहद पसंद है। जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे, तब वे अक्सर यहां आकर खुरचन मिठाई का स्वाद लेते थे। दरअसल, कचौड़ी गली में ही नारायणी कन्या सहित अन्य स्कूल हैं। नीतीश कुमार की धर्मपत्नी इन्हीं में से एक स्कूल में शिक्षिका थीं। जब नीतीश कुमार स्कूटर से अपनी पत्नी को स्कूल छोड़ने और लेने आते थे, तो इसी दुकान के सामने अपना स्कूटर लगाकर यहां से खुरचन खरीदते थे।
दूध की छाली से बनती है खुरचन
महादेव गुप्ता बताते हैं कि दूध को एक-एक पाव की मात्रा में लोहे की कड़ाहियों में सूखने तक पकाया जाता है। दूध के ठंडा हो जाने के बाद बारीकी से इसकी मलाई पत्तर नुमा चाकू से उतारी जाती है और उसे थाली में फैलाया जाता है। इसके बाद पिसी हुई शक्कर छिड़ककर एक के ऊपर एक मलाई की परतें डालकर खुरचन मिठाई तैयार की जाती है।
राजनेता से लेकर अभिनेता तक चख चुके हैं स्वाद
दुकानदार बताते हैं कि इस मिठाई को बड़े-बड़े राजनेता से लेकर अभिनेता भी चख चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मिठाई का स्वाद ले चुके हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मिठाई को चख चुके हैं।
विदेशों में भी है मांग
खुरचन के लिए कई बार सिंगापुर व अन्य देशों से भी ऑर्डर मिल चुका है। महादेव गुप्ता कहते हैं कि भले इस गली का नाम कचौड़ी गली है, पर यहां कचौड़ी नहीं मिलता। इसलिए इस गली का नाम खुरचन गली कर देना चाहिए।
1400 रुपए किलो है कीमत
अभी खुरचन मिठाई 1400 रुपए किलो के हिसाब से आपको सुबह 09 बजे से रात 09 बजे तक मिल जाएगी। यहां आने के लिए आप पटना के मरीन ड्राइव से जल्दी पहुंच जाएंगे। अशोकराज पथ और कुम्हरार होकर यदि आप आते हैं तो आपको जाम की समस्या झेलनी पड़ेगी। क्योंकि इन दोनों मार्गों पर ट्रैफिक ज्यादा रहती है। यदि आप मरीन ड्राइव से आते हैं तो समय की भी बचत होगी और परेशानी से भी बचेंगे।