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खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: बिहार ने रची इतिहास, खिलाड़ियों और आयोजन की हर कसौटी पर खरा उतरा राज्य

ByKumar Aditya

मई 16, 2025
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पटना, 16 मई।खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की मेजबानी कर बिहार ने न केवल एक सफल आयोजन को अंजाम दिया, बल्कि खेलों के प्रति राज्य के बदलते दृष्टिकोण और व्यवस्थागत सुधारों की मजबूत मिसाल भी पेश की। 4 से 15 मई तक आयोजित इस महाकाय आयोजन में देशभर से आए 10,000 से अधिक खिलाड़ी और सहयोगी कर्मियों के लिए शानदार आवास, भोजन, यातायात और सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी।

पांच शहरों में फैला आयोजन, हर पहलू पर बारीकी से ध्यान

पटना, राजगीर (नालंदा), गया, भागलपुर और बेगूसराय में आयोजित 28 खेलों के लिए राज्य सरकार ने हर स्तर पर स्वयं तैयारी की। खिलाड़ियों की सुविधा के लिए एयर-कंडीशंड इंडोर स्टेडियम, अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग पुल, रबरयुक्त जॉगिंग ट्रैक और अत्याधुनिक जर्मन हैंगर जैसी व्यवस्थाएं की गईं। गर्मी से बचाव और खिलाड़ियों की उच्चस्तरीय परफॉर्मेंस सुनिश्चित करने के लिए हर प्रतियोगिता स्थल पर आधुनिक संसाधनों को उपलब्ध कराया गया।

स्वतंत्र रूप से आयोजन की तैयारी, कोई बाहरी एजेंसी नहीं

बिहार ने इस आयोजन की तैयारी में किसी बाहरी एजेंसी या कैटरर की मदद नहीं ली, बल्कि अपनी प्रशासनिक क्षमता से हर इंतजाम को पूरा किया। अधिकारियों की टीम ने तमिलनाडु और उत्तराखंड की सफल खेलो इंडिया आयोजनों से सीख लेकर बिहार मॉडल तैयार किया।

खिलाड़ियों की सेहत बनी प्राथमिकता

खिलाड़ियों के पोषण का विशेष ध्यान रखा गया। हर 100 खिलाड़ियों के लिए 29 किलो चिकन, 16 किलो पनीर, 14 किलो चावल, 7 किलो दाल, 8 किलो गेहूं और 2 किलो मिलेट आटे की व्यवस्था की गई। भोजन प्रबंधन के लिए जर्मन हैंगर लगाए गए और सभी आयोजन स्थलों पर पुलिस बल तथा सुरक्षा कर्मियों की 24 घंटे तैनाती रही।

खेलों के लिए समर्पित अधोसंरचना का विस्तार

राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में खेलों को करियर के रूप में बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग की स्थापना, हर जिले में स्टेडियम निर्माण, राजगीर में अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स जैसी पहल की हैं। साथ ही, पंचायत स्तर पर खेल मैदानों के विकास का कार्य भी तीव्र गति से चल रहा है।

‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ नीति ने बढ़ाया उत्साह

राज्य की अनूठी “मेडल लाओ, नौकरी पाओ” योजना के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को सचिवालय से लेकर जिला कार्यालयों में सीधी नौकरी का प्रावधान किया गया। इस योजना का प्रभाव साफ दिख रहा है—खिलाड़ियों में प्रतियोगिता को लेकर नया जोश देखने को मिला है।

उत्कृष्ट प्रदर्शन, रैंकिंग में जबरदस्त सुधार

इस बार के खेलों में बिहार ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। कुल 36 पदकों में 7 स्वर्ण, 14 रजत और 15 कांस्य पदक शामिल हैं। राष्ट्रीय रैंकिंग में राज्य ने 14वां स्थान हासिल किया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले बड़ी छलांग है (पिछले वर्ष सिर्फ 5 पदक और दो स्वर्ण मिले थे)। पिछले सात वर्षों में राज्य में खेलों की वृद्धि दर 620 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।


खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के सफल आयोजन के साथ बिहार ने यह सिद्ध कर दिया कि अब वह न केवल खेल प्रतिभाओं की धरती बन रही है, बल्कि एक संगठित, समर्पित और दीर्घदृष्टि से परिपूर्ण खेल राज्य के रूप में उभर चुका है।


 

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