तीनों सेनाओं की संयुक्त ब्रीफिंग: भारतीय वायु, थल और नौसेना का अभेद्य सुरक्षा कवच और सटीक जवाबी कार्रवाई

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भारत की तीनों सेनाओं – थल, वायु और नौसेना – ने आज एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में देश की सुरक्षा स्थिति और हालिया ऑपरेशनों की जानकारी दी। तीनों बलों के शीर्ष कमांडरों ने बताया कि देश की वायु रक्षा प्रणाली पूर्ण रूप से तैयार है और दुश्मनों के हर हमले का प्रभावी जवाब दिया जा चुका है।


वायुसेना की प्रतिक्रिया: आकाश में अभेद्य कवच

एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि वायुसेना, थलसेना और नौसेना की संयुक्त संपदा एक मजबूत बहुस्तरीय प्रणाली के तहत तैनात है।

  • प्वाइंट डिफेंस में नीचे से हमला करने वाली बंदूकें और कंधे पर रखकर चलने वाले हथियार शामिल हैं।
  • हवाई रक्षा में लड़ाकू विमान और लंबी दूरी की मिसाइलें इस्तेमाल में लाई गईं।
  • ड्रोन और यूएवी हमलों को सॉफ्ट और हार्ड किल एंटी-यूएवी सिस्टम की मदद से निष्क्रिय किया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से उन्नत हथियार प्रणालियों की खरीद के लिए लगातार बजटीय और नीतिगत समर्थन प्राप्त हो रहा है।

“जब विनय काम न आए, तो भय जरूरी हो जाता है।” – एयर मार्शल भारती ने तुलसीदास की चौपाई उद्धृत करते हुए कहा।


थलसेना की रणनीति: संयम, संकल्प और सटीकता

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने स्पष्ट किया कि भारत ने न तो एलओसी पार की और न ही अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) – सभी कार्रवाइयाँ देश की सीमा के भीतर रहकर की गईं।

  • 9-10 मई को बहुस्तरीय वायु रक्षा ग्रिड ने ड्रोन हमलों को विफल कर दिया।
  • पाकिस्तान के ड्रोन भारतीय हवाई रक्षा को भेदने में विफल रहे।
  • थलसेना ने “राख से राख, धूल से धूल” की रणनीति अपनाई और अधिकतर ड्रोन को जमीन पर गिरा दिया।
  • कंधे से चलाए जाने वाले हथियारों से ड्रोन मार गिराए गए।
  • बीएसएफ की भूमिका की प्रशंसा की गई।

नौसेना की समुद्री शक्ति: आसमान से लेकर गहराई तक

वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि नौसेना ने सतत निगरानी और खतरों की पहचान के लिए सेंसर, खुफिया तंत्र और लेयर फ्लीट डिफेंस का उपयोग किया।

  • मिग-29के और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर ने दुश्मन विमानों को बेअसर किया।
  • नौसेना के पायलटों ने दिन और रात दोनों समय में ऑपरेशन चलाया।
  • कैरियर बैटल ग्रुप क्षेत्रीय प्रभुत्व बनाए रखने में सफल रहा, पाकिस्तानी विमान मकरान तट तक ही सीमित रह गए।

“भारतीय नौसेना ने सुनिश्चित किया कि आवश्यकता पड़ने पर भारत जब चाहे, जहां चाहे, प्रहार कर सकता है।”


संक्षेप में: एकजुट, संगठित और सक्षम भारत

तीनों सेनाओं ने यह स्पष्ट किया कि भारत की सुरक्षा अभेद्य है। संयुक्त रणनीति, तकनीक और तत्परता के बल पर भारत ने न केवल हर खतरे का सामना किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि देश पर किसी भी प्रकार की चुनौती स्वीकार नहीं की जाएगी।


 

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