हालांकि वह नाराजगी की बात को खुले मंच से नहीं स्वीकारते हैं लेकिन उनकी बातों से साफ पता चलता है कि उनके मन में बीजेपी और एनडीए से बड़ी शिकायतें हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में 20 सीटों की दावेदारी कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी थी. वहीं, अब खुले मंच से ‘औकात’ दिखाने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हम एनडीए को अपनी औकात बताएंगे.
बिहार में अपनी औकात दिखाएंगे मांझी: जहानाबाद में एक कार्यक्रम में पहुंचे जीतनराम मांझी ने कहा कि पहले झारखंड और अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को एक भी सीट नहीं दी गई. उन्होंने जेडीयू और एलजेपीआर का नाम लिए बगैर कहा कि औकात के हिसाब से वहां सीट बांटी गई. इसका मतलब ये है कि हमारी वहां औकात नहीं है. हम संरक्षक ने कहा कि अगर ऐसा है तो हम भी बिहार में अपनी औकात दिखाएंगे.
“झारखंड और दिल्ली में देखा गया कि किसकी क्या औकात है. औकात के हिसाब से लोगों को टिकट मिला. इसका मतलब कि जीतनमांझी की औकात वहां नहीं समझा गया, तो ठीक है. दिल्ली और झारखंड में हमारी औकात नहीं है और हमें टिकट नहीं मिला. इसलिए हम बिहार में अपनी औकात दिखाना चाहते हैं”- जीतनराम मांझी, केंद्रीय मंत्री सह हम संरक्षक
‘बिहार में धोखा नहीं चलेगा’: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम अपने समाज और अपने समर्थक को भी अपनी औकात दिखाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं और किसानों के लिए हमने जो नीति अपनाई है, अब सबको एकत्रित करके हम अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं. जीतनराम मांझी ने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि झारखंड और दिल्ली में जिस प्रकार से आपने हमें धोखा दिया, वैसा धोखा यहां नहीं चलेगा.
क्या एनडीए से नाराज हैं मांझी?: इस दौरान जब जीतनराम मांझी से पूछा गया कि क्या आप एनडीए से नाराज हैं? तब उन्होंने कहा कि एनडीए से नाराज नहीं हैं, लेकिन गार्जियन से घर में रोटी की मांग तो कर सकते हैं. अगर हमें चार रोटी की भूख है और एक भी नहीं दीजिएगा तो गार्जियन से मांगेंगे नहीं. वहीं मेरी मांग है.
रोहिणी आचार्य पर भड़के मांझी: वहीं आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के उस बयान पर जीतनराम मांझी ने पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मांझी को एक सीट मिली तो भागकर हमारे पास आ जाएंगे. उन्हें खुद याद नहीं रहता कि वे क्या बोलते हैं. वे कभी कहते हैं कि शराब पीना चाहिए तो कभी कहते हैं कि नहीं पीना चाहिए. मांझी को सिर्फ सत्ता चाहिए. सत्ता जहां होगी, वे वहां चले जाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले रोहिणी आचार्य को यह बताना चाहिए कि वे कहां रहेंगी या नहीं रहेंगी?.
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