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बेतिया: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जन सुराज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 51 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनमें कई प्रमुख चेहरे हैं।

लौरिया विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने कुशवाहा समुदाय से आने वाले 53 वर्षीय सुनील कुमार को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सुनील कुमार वर्तमान में ढढ़वा पंचायत के मुखिया और मुखिया संघ के अध्यक्ष हैं। समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सक्रियता ने उन्हें क्षेत्र में खास पहचान दिलाई है।

प्रशांत किशोर की विचारधारा से प्रभावित

सुनील कुमार ने बताया कि वे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी से जुड़े। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की रोजगार, शिक्षा और पलायन जैसे मुद्दों पर स्पष्ट सोच ने उन्हें आकर्षित किया।

सुनील ने कहा, “प्रशांत किशोर की सोच बिहार के विकास के लिए है। उनकी पदयात्रा के दौरान गरीबों और वंचितों के प्रति उनकी चिंता देखकर मैंने पार्टी से जुड़ने का निर्णय लिया।”

लौरिया के लिए प्राथमिकताएं

उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सुनील कुमार ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य भ्रष्टाचार को खत्म करना और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा,

“ब्लॉक और अंचल स्तर पर भ्रष्टाचार चरम पर है। मेरा पहला लक्ष्य क्षेत्र को भ्रष्टाचारमुक्त बनाना और शिक्षा तथा बुनियादी सुविधाओं में सुधार करना है।”

अपराध के खिलाफ मुखर आवाज

सुनील कुमार ने बताया कि लालू यादव के शासनकाल में उनके परिवार के चार लोगों की हत्या की गई थी। उनके पिता बच्चा प्रसाद ने अपराध के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके चलते उनकी हत्या कर दी गई।

इसके बाद सुनील कुमार ने अपने परिवार के साथ ग्राम रक्षा दल का गठन किया, जिसने कई अपराधियों का सामना किया। इस संघर्ष में उनके दो चचेरे भाइयों और बड़े भाई विजय कुशवाहा की भी हत्या हुई।

“लालू यादव के शासनकाल में मेरे परिवार के चार लोगों की हत्या हुई थी। मेरे पिता ने जब अपराध का विरोध किया, तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।” — सुनील कुमार, जन सुराज उम्मीदवार, लौरिया विधानसभा

बीजेपी और आरजेडी पर निशाना

सुनील कुमार ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी पार्टी से नहीं, बल्कि जनता के हक के लिए है। उन्होंने बीजेपी और आरजेडी दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि,

“ये पार्टियां झूठे वादे करती हैं और जनता को लूटती हैं। लोग अब इनके झूठ को समझ चुके हैं। मेरी लड़ाई जनता के हितों के लिए है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी झूठे वादे करने का आरोप लगाया।

राजनीतिक और सामाजिक सफर

सुनील कुमार ने मैथमेटिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की है। वे 2001 से 2006 तक ढढ़वा पंचायत के मुखिया रहे और 2021 में पुनः निर्वाचित हुए।उन्होंने शिक्षा, स्वच्छता और ग्रामीण विकास जैसे विषयों पर कई योजनाओं में योगदान दिया। 2015 में उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के टिकट पर लौरिया से चुनाव लड़ा था और लगभग 11 हजार वोट प्राप्त किए थे।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

सुनील कुमार की पत्नी उप-मुखिया रह चुकी हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं — बड़ा बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, छोटा बेटा राजनीति में सक्रिय है और बेटी की शादी हो चुकी है।
जन सुराज अभियान के शुरुआती दिनों से वे पार्टी से जुड़े हुए हैं और इसे गांव-गांव तक पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका रही है।

जन सुराज की रणनीति

पार्टी का मानना है कि सुनील कुमार जैसे उम्मीदवार पार्टी की नीतियों और विचारधारा को जनता तक पहुंचाने में सक्षम हैं।
जन सुराज ने शिक्षा, रोजगार और भ्रष्टाचार मुक्त शासन को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है। लौरिया जैसे इलाकों में सुनील कुमार जैसे उम्मीदवारों के माध्यम से पार्टी अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज की यह पहली सूची चर्चा का विषय बनी हुई है और अब सबकी नजर सुनील कुमार जैसे उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर टिकी है।


 

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