जेल के कैदियों को मिलेगा कंप्यूटर का ज्ञान, शुरू हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम

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पटना, 11 जून 2025।राज्य सरकार ने जेलों में बंद कैदियों के पुर्नवास और कौशल विकास के उद्देश्य से कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत राज्य की तीन प्रमुख केंद्रीय काराओं — पटना के बेऊर स्थित आदर्श केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा और बक्सर केंद्रीय कारा से की गई है। इन जेलों के कुल 116 कैदियों को इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने पटना के बेऊर केंद्रीय कारा परिसर में किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पहल बंदियों के पुर्नवास में सहायक होगी और अपराध की पुनरावृत्ति को भी कम करेगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जेलों में पहले से कंप्यूटर में दक्ष बंदियों का उपयोग प्रशिक्षक के रूप में किया जाए।

बंदियों के कौशल विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता

कारा महानिरीक्षक प्रणव कुमार ने कहा कि बंदियों का कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। यह पहल कैदियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर प्रदान करेगी और पुनर्वास की दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएगी।

नाइलेट के सहयोग से चल रहा प्रशिक्षण

कंप्यूटर कॉन्सेप्ट और डिजिटल लिट्रेसी का प्रशिक्षण राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। संस्थान के कार्यकारी निदेशक नितिन पुरी ने भरोसा दिलाया कि नाइलेट, बंदियों के कौशल उन्नयन में अपनी पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है।

2.25 करोड़ रुपये का निवेश

राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 2 करोड़ 25 लाख रुपये का निवेश किया है। इसके अंतर्गत राज्य की 41 काराओं में अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित की जा रही हैं। इन लैब में 250 कंप्यूटर सिस्टम, 250 यूपीएस यूनिट और 250 कंप्यूटर टेबल की व्यवस्था की गई है।

अगले चरण में व्यावसायिक प्रशिक्षण

राज्य के सभी जेलों में बंद 1100 कैदियों को आठ विभिन्न व्यावसायिक विधाओं में प्रशिक्षित करने की योजना है। अगले चरण में बिहार कौशल विकास मिशन (BSDM) के सहयोग से सभी काराओं में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके लिए गृह विभाग और नाइलेट के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर भी हो चुका है।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी

कार्यक्रम में संयुक्त सचिव सह निदेशक संजीव जमुआर, बेऊर केंद्रीय कारा के डीआईजी सह अधीक्षक नीरज कुमार झा, सहायक कारा महानिरीक्षक राजीव कुमार सिंह, बंदी कल्याण पदाधिकारी बिनोद कुमार प्रभाष्कर सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

उद्देश्य — कैदियों को आत्मनिर्भर और समाजोपयोगी बनाना

सरकार की इस पहल का मकसद कैदियों को रोजगारपरक शिक्षा देकर सशक्त बनाना है, जिससे वे सजा पूरी करने के बाद समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। कंप्यूटर शिक्षा जैसे तकनीकी प्रशिक्षण से न केवल कैदियों के भीतर आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे रोजगार के बेहतर अवसर भी प्राप्त कर सकेंगे।


 

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