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‘मजबूत विपक्ष का रहना सरकार के लिए जरूरी, नहीं सोचा था ऐसी भगदड़ मचेगी’, महागठबंधन में टूट पर बोले विजय सिन्हा

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महागठबंधन में लगातार हो रही टूट पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि ये काफी दुखद है कि विपक्ष इतना कमजोर हो गया है. सशक्त विपक्ष का रहना सरकार के लिए जरूरी होता है. उन्होंने ये कभी उम्मीद नहीं की थी कि विपक्षी खेमे में इस तरह की भगदड़ मचेगी।

‘विपक्ष का कमजोर नेतृत्व से भगदड़’: विजय सिन्हा ने कहा कि विपक्ष में इतना हाहाकार मचेगा, ये कभी नहीं सोचा था. उन्होंने राजद और नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का नेतृत्व कमजोर होने की वजह से ही ऐसा हाल हुआ है. लोकतंत्र के लिए यह बहुत दुखद है कि विपक्ष नेतृत्व विहीन हो गया है।

इमैच्योर है विपक्ष का नेता- विजय सिन्हा: उन्होंने तेजस्वी यादव को इमैच्योर (immature) बताते हुए कहा कि जब सदन चल रहा है, तो उसका नेता क्षेत्र भ्रमण कर रहा है और जब जनता के बीच जाना है, तो उसका नेता दिल्ली में बैठा है, या फिर विदेश घूम रहा है. ये सिर्फ विपक्षी नेतृत्व के अपरिपक्वता के कारण है।

“हमने सदन में राबड़ी देवी को बधाई दिया. उन्हें कहा कि आप सदन में रेगुलर मौजूद हैं, इसके लिए आपको धन्यवाद देते हैं, लेकिन आप अपने बच्चों को भी थोड़ा सा ये ज्ञान दे देती, कि नेता प्रतिपक्ष अपनी सदन की जिम्मेदारी का निर्वहन करें. कमजोर नेतृत्व के कारण विपक्ष में भगदड़ मची है.”- विजय सिन्हा, उपमुख्यमंत्री

विजय सिन्हा ने अपने विरोधी दल के कार्यकाल को गिनाया: विजय सिन्हा ने कहा कि वह भी 500 दिन विपक्ष में रहे और 371 दिन क्षेत्र में जनता के बीच रहे, जो लगभग 70% है. लेकिन वे कभी भी सदन की कार्रवाई के दौरान अनुपस्थित नहीं हुए. जनता के सवालों को लेकर सदन में आवाज उठाई और जनता की आवाज बनें. नेता प्रतिपक्ष को जनता की आवाज बनने की बड़ी जिम्मेदारी होती है और लोकतंत्र में सड़क की आवाज को सदन तक पहुंचाना पड़ता है।

‘सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं तेजस्वी’: विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वह सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे कहलाने का अभिमान भी है, तो वह एक जनसेवक कभी नहीं हो सकते।

विपक्ष के विधायक हो रहे बागी: बहरहाल बिहार की राजनीति इन दिनों रोज नई करवट ले रही है. बजट सत्र के पहले दिन तीन राजद विधायक सत्ता पक्ष की तरफ बैठे तो सभी के लिए बहुत आश्चर्य की बात रही. लेकिन अब विपक्षी खेमे के विधायकों की उठकर सत्ता खेमे में बैठने की बात सामान्य नजर आने लगी है. मंगलवार को एक बार फिर से विपक्षी खेमे के तीन विधायक सत्ता पक्ष की खेमे में सदन की कार्रवाई के दौरान बैठे दिखे. इस पूरे घटनाक्रम को उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव की नाकामी बताई है।