पटना, 17 अगस्त। बिहार के चर्चित आईपीएस और तत्कालीन एडीजी अमित लोढ़ा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्य सरकार ने विशेष निगरानी इकाई (SVU) को लोढ़ा के खिलाफ दर्ज मामले में आईपीसी और बीएनएस एक्ट के प्रावधानों के तहत केस चलाने की मंजूरी दे दी है।
मामला: आय से अधिक संपत्ति
1998 बैच के आईपीएस और सह अपर पुलिस महानिदेशक (एससीआरबी) अमित लोढ़ा पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। राज्य सरकार ने आईपीएस के खिलाफ आईपीसी और बीएनएस एक्ट की धाराओं में अभियोजन की अनुमति दी है।
हालांकि, पीसी एक्ट (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के तहत दर्ज मामले में, केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही उनके खिलाफ अभियोजन शुरू होगा। केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद जांच एजेंसी निगरानी न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करेगी।
जांच और समिति
जानकारी के अनुसार, अमित लोढ़ा को एडीजी पद पर प्रोन्नति मिलने के लगभग एक महीने बाद राज्य सरकार ने उनके खिलाफ अभियोजन मंजूरी पर विचार करने हेतु एक विशेष समिति गठित की थी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार ने केस चलाने की अनुमति दी।
आरोप और कानूनी धाराएँ
अमित लोढ़ा के खिलाफ 7 दिसंबर 2022 को SVU में आय से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ लगाए गए प्रावधान इस प्रकार हैं:
- पीसी एक्ट की धाराएँ: 13(1)(बी), 13(2), 12
- आईपीसी की धारा: 120(B) और 168
अमित लोढ़ा का विवादित काम
अमित लोढ़ा ने 2017 में ‘द बिहार डायरी’ नाम से किताब लिखी थी। इसी किताब पर आधारित वेब सीरीज ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ बाद में नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित हुई। उनके इस आचरण को भ्रष्टाचार और निजी लाभ के लिए वित्तीय अनियमितता माना गया है।


