दिव्यांग छात्र इंद्रेश कुमार का आविष्कार: जो बिना हेलमेट स्टार्ट नहीं होने देगा बाइक, शराब की गंध भी सूंघ लेगा

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दुनिया भर में सड़क हादसों में हर रोज हजारों जानें जाती हैं. सड़क पर की गई एक छोटी सी गलती की सजा दूसरे किसी निर्दोष को भी भुगतनी पड़ सकती है. इससे बचने का यही एक मात्र उपाय है कि यातायात नियमों का पालन किया जाए. आज भी भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण लोगों का हेलमेट पहने बिना बाइक चलाना है.

दिव्‍यांग छात्र ने बनाया अनोखा हेलमेट

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इसके साथ ही जो लोग शराब पीकर गाड़ी या बाइक चलाते हैं, वो सीधे तौर पर सड़क दुर्घटनाओं को न्योता देते हैं. सड़क दुर्घटना के इन दो बड़े कारणों का समाधान सोनभद्र के 12वीं कक्षा के एक दिव्‍यांग छात्र ने खोज निकाला है. इस छात्र का नाम इंद्रेश कुमार है. उन्होंने एक अनोखा हेलमेट तैयार किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये हेलमेट सड़क हादसों को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है. ये हेलमेट बाइक से कनेक्‍ट किया जाता है और इसके बाड बाइक तब तक स्टार्ट नहीं होती जब तक चालक हेलमेट नहीं पहनता. इसके साथ ही अगर हेलमेट में बाइक चला रहे शख्स के मुंह से शराब की गंध आ जाए तो भी बाइक स्टार्ट नहीं होती.

चर्चा में है इंद्रेश का आविष्कार

इस तरह ना तो शराब पिया शख्स बाइक चला सकता है और ना ही बिना हेलमेट के बाइक स्टार्ट होगी. जिससे हेलमेट न पहनने और शराब पी कर गाड़ी चलाने के कारण होने वाली मौतों में बहुत कमी आ सकती है. सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज ब्‍लॉक के मधुपुर गांव के रहने वाले इंद्रेश कुमार सोनभद्र के चुर्क स्थित जय ज्योति इंटर कॉलेज में बायो के छात्र हैं. इंद्रेश कुमार के पैरों में 50% दिव्‍यांगता है, जिस वजह से वह चल नहीं सकते. लेकिन उन्होंने अपनी शारीरिक कमी को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया. यही कारण है कि उन्होंने अपनी दिव्‍यांगता के बावजूद ऐसे कमाल के हेलमेट का आविष्‍कार किया है.

उनकी इस शानदार खोज के लिए उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी उन्‍हें सम्‍मानित किया है. इंद्रेश कुमार का कहना है कि उनका ये आविष्कार बहुत से लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा सकता है. इस वजह से अब वह अपने अविष्कार को पेटेंट कराने की तैयारी में हैं.

पिता के साथ हुई दुर्घटना तब आया ख्याल

इंद्रेश के दिमाग में ऐसा अनोखा हेलमेट बनाने का ख्याल तब आया जब उनके घर पर ऐसी ही मुसीबत आई. दरअसल, एक सड़क हादसे में उनके पिता बाइक से गिरकर घायल हो गए थे. उनका कहना है कि 2 वर्ष पूर्व उनके पिता राम अवतार शराब पीकर बाइक चला रहे थे. इसी दौरान उनका एक्सिडेंट हो गया और वह घायल हो गए. यही वो मोड़ था जहां से इंद्रेश के दिमाग में ऐसा हेलमेट बनाने का विचार आया. जिससे कि अगर कोई शराब पीकर गाड़ी चलाना चाहे तो ऐसा कर ही ना पाए और बिना हेलमेट तो बिल्कुल स्टार्ट ना हो.

2022 के दिसंबर महीने में जिला मुख्यालय पर हुए जनपद स्तरीय साइंस प्रतियोगिता में इंद्रेश ने अपने इस अनोखे आविष्कार का प्रदर्शन किया था. इस आविष्कार को देखने के बाद लोगों ने इसकी खूब सराहना की. गरीब परिवार से संबंध रखने वाले इंद्रेश के पिता अपनी 2 बीघा जमीन पर खेती कर अपना घर चलाते हैं और उनकी मां कमलावती देवी एक साधारण गृहणी है. उनकी दो बहनें और एक छोटा भाई है जो नौवीं, दसवीं और सातवीं में पढ़ते हैं.

मंत्री से पा चुके हैं इनाम

यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी इंद्रेश के अविष्कार के लिए उनकी सराहना की थी. इसके बाद उन्‍हें लखनऊ बुलाकर इनाम में 50 हजार रुपये दिए गए. इसके बाद एआरटीओ धनवीर यादव सोनभद्र और आरटीओ मिर्जापुर भी उसकी मदद कर रहे हैं, ताकि वह अपने अविष्कार को पेटेंट करवा सके. इंद्रेश कुमार का कहना है कि अभी वह अपने आविष्कार में और भी सुधार कर रहे हैं. इस अविष्कार की चर्चा सोनभद्र जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही है.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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