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अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ के दौरान भारतीय वायु सेना ने अपनी रात्रिकालीन हवाई युद्ध की क्षमता का प्रदर्शन किया है। जोधपुर का आसमान शक्तिशाली लड़ाकू विमानों की गर्जना से जीवंत हो उठा। फेज-2 के दौरान वायु सेना की रात्रि मिशन सटीकता से विदेशी सेनाओं के सामने अपनी ताकत और अंतर-संचालन क्षमता का प्रदर्शन किया। भारतीय वायु सेना की मेजबानी में पहली बार हो रहे बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ के दूसरे चरण की औपचारिक शुरुआत 29 अगस्त से हुई।

14 सितंबर तक चलेगा वायु सेनाओं का तरंग शक्ति अभ्यास

इस चरण में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, बांग्लादेश, सिंगापुर, यूएई की वायु सेनाओं के साथ 14 सितंबर तक चलने वाले ‘तरंग शक्ति’ के दौरान वायु सेनाओं के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, विशेष ऑपरेशन विमान, मध्य हवा में ईंधन भरने वाले और हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (अवाक्स) विमान सहित 70-80 विमान भाग ले रहे हैं। इस अभ्यास में अमेरिका अपने एफ-16 और ए-10 विमानों के साथ भाग ले रहा है।

‘तरंग शक्ति’ अभ्यास में भारत के सबसे छोटे लड़ाकू एलसीए तेजस ने अपनी क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन किया। इसकी ताकत परखने के लिए कई विदेशी वायु सेनाओं के प्रमुखों ने एलसीए में उड़ान भरी है। वैश्विक रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने अपनी उन्नत हवाई क्षमताओं को प्रदर्शित किया। भारतीय टुकड़ी ने कई हवाई युद्ध उड़ानों में भाग लेकर ‘आत्मनिर्भरता’ के तहत स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए भारतीय लड़ाकू विमान सुखोई-30 ने राफेल की जोड़ी का नेतृत्व किया।

वायु सेना ने आज बुधवार को फोटो और वीडियो शेयर करके रात्रिकालीन हवाई युद्ध अभ्यास के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी दी। इस अभ्यास में स्वदेशी एलसीए तेजस ने अपनी लड़ाकू ताकत का प्रदर्शन करके प्रतिभागी वायु सेनाओं के सामने अपनी क्षमता दिखाई है। हवाई अभ्यास के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का भी वातावरण तैयार किया गया, जहां वायु सेना ने सतह से हवा में मार करने वाले निर्देशित हथियार तैनात किये गए। रात्रिकालीन हवाई युद्ध अभ्यास में दुनिया के पहले लड़ाकू हेलीकॉप्टर स्वदेशी प्रचंड ने उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाई।

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