नई दिल्ली। भारत ने बीते एक दशक में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं, वे वैश्विक मंच पर मिसाल बन चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अग्रणी योद्धा बना है, बल्कि हरित विकास और टिकाऊ भविष्य की दिशा में ठोस कदम भी उठा रहा है।
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की छलांग
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने रिकॉर्ड 29.52 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ी, जिससे कुल स्थापित क्षमता 220.10 गीगावाट पर पहुँच गई। सौर ऊर्जा की क्षमता 71.78 गीगावाट पर पहुँची, और पवन ऊर्जा भी 50.04 गीगावाट तक पहुँच गई। भारत ने सौर टैरिफ में भी भारी गिरावट दर्ज की है, जो अब दुनिया में सबसे कम है — मात्र ₹2.15 प्रति यूनिट।
महत्वाकांक्षी हरित मिशन
भारत सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन और पीएम सूर्य घर योजना जैसे अभिनव कार्यक्रमों के ज़रिए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को सरल और सुलभ बनाया है। अप्रैल 2025 तक 11.88 लाख घरों में रूफटॉप सोलर लग चुका है। वहीं, हर जिले में आदर्श सौर ग्राम बनाए जा रहे हैं।
वन्यजीव संरक्षण में भारत का कमाल
बाघों की संख्या दोगुनी से भी ज़्यादा होकर 3,682 हो चुकी है। प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया से लाए गए चीतों ने कुनो नेशनल पार्क में 70 वर्षों बाद जन्म भी लिया है। वहीं, एशियाई शेरों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
रामसर स्थल और समुद्र तटों पर भी रिकॉर्ड
भारत में अब कुल 85 रामसर स्थल और 13 ब्लू फ्लैग सर्टिफाइड समुद्र तट हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता और पारिस्थितिकी संरक्षण का प्रमाणपत्र माने जाते हैं।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में रिकॉर्ड पौधारोपण
5 जून 2024 को शुरू हुए इस अभियान में अब तक 142 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।
नमामि गंगे और स्वच्छ भारत मिशन की चमक
गंगा सफाई के लिए चलाई जा रही नमामि गंगे योजना और देशव्यापी स्वच्छ भारत मिशन ने भी ग्रामीण और शहरी भारत की तस्वीर बदल दी है। गोबरधन योजना के तहत 198 अपशिष्ट-से-संपत्ति संयंत्र चालू हो चुके हैं।
भारत का लक्ष्य और वैश्विक भूमिका
2030 तक भारत 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता और 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है। भारत अब पर्यावरण न्याय और टिकाऊ विकास का वैश्विक नेतृत्व कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है — “प्रकृति का सम्मान ही भारत की संस्कृति है। पर्यावरण सुरक्षा और आर्थिक प्रगति, दोनों को साथ लेकर चलना ही ‘नया भारत’ है।”