डीएम नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में रेरा अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक, बिना निबंधन निर्माण पर होगी कार्रवाई
भागलपुर, 17 जून 2025:भागलपुर में भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 यानी रेरा के क्रियान्वयन को लेकर मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में यह बैठक रेरा सचिव श्री आलोक कुमार एवं अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में संपन्न हुई।
बैठक में शहर में अपार्टमेंट निर्माण और भूमि प्लॉटिंग के बढ़ते मामलों को लेकर समीक्षा की गई और अवैध निर्माण तथा बिना निबंधन के चल रहे प्रोजेक्ट्स पर सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
गोराडीह, सबौर और जगदीशपुर में अपार्टमेंट और प्लॉटिंग का सर्वे
बैठक में रेरा टीम ने जानकारी दी कि गोराडीह, सबौर और जगदीशपुर इलाके में बन रहे कई अपार्टमेंट्स और की जा रही भूमि प्लॉटिंग का सर्वे किया गया है। सर्वे के दौरान रेरा नियमों का पालन न करने वाले कई प्रोजेक्ट्स चिन्हित किए गए हैं।
रेरा सचिव श्री आलोक कुमार ने बताया कि संबंधित निबंधन कार्यालय और अंचल कार्यालय से भूमि मालिक का नाम, खेसरा नंबर और खाता नंबर प्राप्त किया जा रहा है। इस जानकारी के आधार पर बिना रेरा निबंधन के निर्माण कार्य कराने वालों को नोटिस भेजा जाएगा और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रेरा निबंधन अनिवार्य, बिजली कनेक्शन भी कटेगा
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया कि शहरी क्षेत्र में कोई भी अपार्टमेंट निर्माण या भूमि प्लॉटिंग रेरा में निबंधन के बिना नहीं की जा सकती। उन्होंने रेरा टीम को जमीनी स्तर पर सक्रियता से काम करने और जमीन मालिकों का पता लगाने के लिए बिजली विभाग की मदद लेने का सुझाव दिया।
डीएम ने कहा कि अगर किसी निर्माण प्रोजेक्ट का रेरा में निबंधन नहीं है, तो संबंधित मकान या अपार्टमेंट का बिजली कनेक्शन भी काट दिया जाएगा। साथ ही नगर विकास एवं आवास विभाग से समन्वय स्थापित कर बिना निबंधन के बन रहे अपार्टमेंट्स पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
अब प्लॉटिंग या अपार्टमेंट बेचने से पहले जरूरी होगा रेरा रजिस्ट्रेशन
रेरा सचिव ने जानकारी दी कि शहरी क्षेत्र में कोई भी प्लॉटिंग कर या अपार्टमेंट बेचने से पूर्व संबंधित प्रोजेक्ट का रेरा में निबंधन अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना, बिजली कनेक्शन कटौती और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शहर में भू-माफियाओं और अवैध निर्माण पर शिकंजा
इस बैठक को रेरा नियमों के सख्त पालन और शहर में अवैध रूप से हो रहे निर्माण कार्यों पर लगाम कसने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। प्रशासन की सक्रियता से अब भू-माफियाओं और नियमों को ताक पर रखकर अपार्टमेंट निर्माण कराने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि रेरा अधिनियम का उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाना, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और अनधिकृत निर्माण कार्यों पर अंकुश लगाना है।