पटना/नई दिल्ली, 31 जुलाई 2025: मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न्यायालय के फैसले को न्याय की जीत बताते हुए इसे राष्ट्रवादी विचारधारा को बदनाम करने की साजिश पर करारा तमाचा बताया।
अश्विनी चौबे ने एक बयान में कहा —
“मालेगांव विस्फोट मामले में न्यायालय द्वारा दिया गया निर्णय भारत की न्यायिक व्यवस्था की पारदर्शिता और निष्पक्षता का प्रमाण है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्षों तक निर्दोषों को झूठे आरोपों में फँसाया गया, जिससे उनका सामाजिक, मानसिक और पारिवारिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।“
‘राष्ट्रवादी विचारधारा को बदनाम करने की साजिश’
बीजेपी नेता ने अपने बयान में आरोप लगाया कि यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि संपूर्ण राष्ट्रवादी विचारधारा को निशाना बनाने की सुनियोजित साजिश थी।
“हमें आत्ममंथन करने की आवश्यकता है कि आखिर कैसे देशहित में काम करने वाले राष्ट्रवादी व्यक्तियों को ‘आतंकवादी’ करार दिया गया। ये साजिशें केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा पर हमला थीं।“
उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय देश की न्यायिक प्रणाली की गरिमा और लोकतंत्र की जीवंतता को दर्शाता है, लेकिन इससे भी ज़रूरी यह है कि जिन लोगों ने साजिशन झूठे सबूत गढ़े, उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाए।
‘जनता अब जाग चुकी है’
अश्विनी चौबे ने जोर देकर कहा कि देश अब साजिश की राजनीति नहीं, राष्ट्र निर्माण की राजनीति चाहता है। उन्होंने कहा —
“भाजपा हमेशा न्याय, सच्चाई और राष्ट्रहित के पक्ष में खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी। हम मांग करते हैं कि भविष्य में कोई भी देशभक्त नागरिक झूठे आरोपों का शिकार न हो, इसके लिए साजिशकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई हो।“
राजनीतिक तापमान में इज़ाफा
गौरतलब है कि मालेगांव धमाके के मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित सहित सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में एनआईए कोर्ट ने 30 जुलाई 2025 को बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में विफल रहा।
इस फैसले के बाद भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने बयान जारी किए हैं, जिनमें इस मामले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया गया है।


