“माफी नहीं मांगी तो आंदोलन होगा” – सम्राट चौधरी

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बिहार के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सम्राट ने पोस्ट करते हुए कहा कि:

“बाबासाहेब अंबेडकर के अपमान को लेकर राजद और कांग्रेस में अंदरूनी हलचल है। राजद के दलित कार्यकर्ता खुद भी इस घटना को लेकर बेहद आहत हैं। लालू यादव और तेजस्वी यादव को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, लेकिन ‘परिवार पार्टी’ में सिर्फ परिवार की ही चलती है।”

सम्राट ने चेतावनी दी कि अगर लालू-तेजस्वी माफी नहीं मांगते हैं तो दलित समाज इसका जवाब देगा। उन्होंने कहा कि “दलित समाज बाबासाहेब का अपमान कभी नहीं सहेगा।”

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पटना में लगे पोस्टर – “लालू यादव माफी मांगो”

पटना के कई इलाकों में बिहार पसमांदा फाउंडेशन की ओर से पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें लालू यादव से माफी की मांग की गई है। इन पोस्टरों में साफ लिखा है कि डॉ. अंबेडकर के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, बाबासाहेब अंबेडकर पर दिए गए कुछ कथित विवादित बयानों या रुख को लेकर यह नाराजगी सामने आई है। फिलहाल लालू यादव को इस मामले में 15 दिनों के अंदर जवाब देने का नोटिस भेजा गया है।

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राजद में अंदरूनी मतभेद?

सम्राट चौधरी के अनुसार, राजद और कांग्रेस के भीतर ही इस मुद्दे को लेकर मतभेद हैं। दलित और पिछड़े वर्ग के नेता इस मामले में पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं। हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक सफाई या माफी नहीं दी गई है।

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‘परिवार पार्टी’ बनाम सामाजिक जिम्मेदारी

भाजपा के अनुसार, राजद एक ‘परिवार केंद्रित पार्टी’ बन चुकी है, जहां जनभावनाओं की बजाय परिवार के फ़ैसले चलते हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि यह वक्त है कि लालू यादव अपने दलित समर्थकों की भावनाओं का सम्मान करें और माफी मांगें।

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क्या है अगला कदम?

इस विवाद के आगे बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की तरफ से आंदोलन की चेतावनी भी दी जा रही है। अब देखना यह है कि राजद नेतृत्व इस विवाद से कैसे निपटता है – माफी माँगकर या टकराव की राह पर आगे बढ़कर।

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