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भागलपुर। एक ओर जहां गरीब मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन भारत ने मानवता की एक मिसाल पेश की है। संगठन के स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के भागलपुर जिला उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडल ने एक बेसहारा महिला का निःशुल्क इलाज करवाने की जिम्मेदारी लेकर समाज में सेवा भाव का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।

घायल महिला को मिला सहारा

मिली जानकारी के अनुसार, एक गरीब व बेसहारा महिला नीलम कुमारी का किसी कारण हाथ टूट गया, जिसके बाद वह मायागंज अस्पताल में मदद के लिए इधर-उधर भटक रही थी। तभी किसी महिला ने उसकी स्थिति को समझते हुए उसे राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन से जोड़ दिया।

संगठन ने उठाया इलाज और देखरेख का जिम्मा

जैसे ही यह जानकारी श्री मनोज मंडल को मिली, उन्होंने तत्काल निःस्वार्थ भाव से महिला के इलाज की व्यवस्था कराई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि

“हमारा संगठन गरीब और असहाय लोगों की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहता है। इस महिला का पूरा इलाज और रहने की व्यवस्था संगठन की ओर से मुफ्त की जाएगी।”

संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों ने की सराहना

इस सराहनीय कार्य के लिए संगठन के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री विभूति सिंह ने श्री मनोज मंडल को हृदय से धन्यवाद दिया और कहा—

“आपने जिस सेवा भाव से इस महिला की मदद की है, वह पूरे संगठन के लिए गर्व की बात है। हमें उम्मीद है कि आप आगे भी इसी तरह बिहार में संगठन का नाम रोशन करते रहेंगे।”

मानवता की नई परिभाषा

इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जब सरकारी व्यवस्था से निराश लोग मदद की उम्मीद छोड़ देते हैं, तब ऐसे सामाजिक संगठन ही मानवता के सच्चे प्रहरी बनकर सामने आते हैं।