पटना, 11 सितंबर 2025 – भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ‘डेटा लेक 3.0’ प्लेटफॉर्म के सफल शुभारंभ के बाद इसके प्रभावी उपयोग और कार्यप्रणाली को समझाने के लिए एक-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह पहल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मार्गदर्शन तथा डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के सहयोग से की गई।
कार्यशाला में एन. एल. येवतकर, क्षेत्रीय अधिकारी (बिहार), तकनीकी अधिकारी, ठेकेदार, पर्यवेक्षण सलाहकार और अन्य प्रमुख हितधारक उपस्थित थे। डीआईसी की विशेषज्ञ टीम ने प्रतिभागियों को ‘डेटा लेक 3.0’ की विशेषताओं से अवगत कराया और लाइव डेमो के माध्यम से इसके संचालन का प्रायोगिक प्रदर्शन किया।
कार्यशाला का उद्देश्य
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सभी हितधारकों को नई प्रणाली से परिचित कराना और उन्हें प्लेटफॉर्म के विभिन्न मॉड्यूल्स जैसे ऑनबोर्डिंग, उपस्थिति दर्ज करना, आरएफआई तथा संयुक्त निरीक्षण के उपयोग का प्रशिक्षण देना था।
प्रमुख विशेषताएँ
- केंद्रीकृत और मॉड्यूलर प्रणाली: राजमार्ग परियोजनाओं के प्रबंधन, निगरानी और डेटा संग्रह को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिज़ाइन।
- डिजीलॉकर आधारित ऑनबोर्डिंग: ठेकेदारों और सलाहकारों को आधार और पैन कार्ड के माध्यम से अकाउंट सत्यापित करना अनिवार्य।
- लाइव डेमो और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण: प्रतिभागियों को वास्तविक समय में संचालन समझाने का अवसर।
परियोजनाओं पर प्रभाव
‘NHAI One App’ और ‘Data Lake 2.0’ के डेटा को चरणबद्ध तरीके से ‘Data Lake 3.0’ में माइग्रेट किया जाएगा। इससे परियोजना संबंधी डेटा की विश्वसनीयता और सटीकता में वृद्धि होगी, समय पर और गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित होगा, और निगरानी व रिपोर्टिंग अधिक पारदर्शी बनेगी।
भविष्य की दिशा
‘डेटा लेक 3.0’ का कार्यान्वयन डिजिटल इंडिया अभियान को सशक्त बनाने के साथ-साथ राजमार्ग निर्माण क्षेत्र में तकनीकी उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल परियोजनाओं की गति, गुणवत्ता और हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय तथा जवाबदेही सुनिश्चित करेगी।


