गोपाल मंडल का टिकट कटना तय, जदयू में अंदरूनी समीकरणों में बड़ा बदलाव

पटना: बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग पर अभी सहमति नहीं बनी है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी रणनीति पर काम तेज कर दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने लगभग 110 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है और पहले चरण की कई सीटों पर नामों पर मुहर भी लगा दी है।

नालंदा, जो नीतीश कुमार का गृह जिला है, वहां की सभी सीटों पर खुद मुख्यमंत्री ने फैसला ले लिया है। कई मौजूदा मंत्रियों के नाम तय हो चुके हैं, जबकि कुछ वरिष्ठ विधायकों का टिकट कट गया है।


श्रवण कुमार का टिकट कंफर्म

नालंदा से श्रवण कुमार का चुनाव लड़ना तय है। वे मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं। उनके समर्थकों के अनुसार, 12 अक्टूबर के बाद कभी भी नामांकन किया जा सकता है।


हरि नारायण सिंह के बेटे को मौका

हरनौत सीट से नौ बार विधायक रह चुके हरिनारायण सिंह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने पहले ही चुनावी राजनीति से दूरी बनाने की इच्छा जताई थी। सूत्रों का कहना है कि इस बार उनके बेटे को टिकट मिलने की पूरी संभावना है।


वरिष्ठ नेताओं का टिकट पक्का

जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव सुपौल से 9वीं बार चुनाव लड़ेंगे। धमदाहा से मंत्री लेसी सिंह, अमरपुर से जयंत राज, भोरे (सुरक्षित) से सुनील कुमार, सोनबरसा से रत्नेश सदा, और कल्याणपुर से महेश्वर हजारी के नाम भी तय हैं।

विजय कुमार चौधरी (सराय रंजन), उमेश कुशवाहा (महनार), सुमित सिंह (चकाई), और मदन सहनी (बहादुरपुर) भी अपनी पुरानी सीट से ही मैदान में उतरेंगे।


तय उम्मीदवारों की सूची (संभावित)

विधानसभा सीट उम्मीदवार का नाम
सुपौल बिजेंद्र यादव
सराय रंजन विजय कुमार चौधरी
आलमनगर नरेंद्र नारायण यादव
नालंदा श्रवण कुमार
धमदाहा लेसी सिंह
महनार उमेश कुशवाहा
चकाई सुमित सिंह
अमरपुर जयंत राज
बहादुरपुर मदन सहनी
भोरे (सुरक्षित) सुनील कुमार
सोनबरसा (सुरक्षित) रत्नेश सदा
कल्याणपुर (सुरक्षित) महेश्वर हजारी
चैनपुर जमा खान
शिवहर चेतन आनंद
बरबीघा सुदर्शन कुमार
हरलाखी सुधांशु शेखर
मोकामा अनंत सिंह
राजपुर (सुरक्षित) संतोष निराला

जिनका टिकट कटा

विधानसभा सीट जिनका पत्ता कटा
गोपालपुर गोपाल मंडल
कुशेश्वरस्थान (सुरक्षित) अमन हजारी
हरनौत हरिनारायण सिंह
सकरा (सुरक्षित) अशोक चौधरी
सुरसंड दिलीप राय

परबत्ता से डॉ. संजीव का टिकट कटना पहले से तय था, जिसके बाद उन्होंने जदयू छोड़कर राजद ज्वाइन कर ली है।


जातीय समीकरण और नए चेहरे पर फोकस

पार्टी सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने 100 से ज्यादा सीटों पर जातीय और सामाजिक समीकरण के आधार पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं। इस बार कई नए चेहरे भी मैदान में उतर सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषक अरुण पांडे कहते हैं:

“नीतीश कुमार ने सरकार विरोधी लहर को काफी हद तक कम कर दिया है। महिलाओं को ₹10,000 की आर्थिक सहायता ने ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक माहौल बनाया है। इसलिए सत्ता विरोधी लहर लगभग न के बराबर है।”


टिकट कटने की संभावना

अरुण पांडे के मुताबिक, इस बार नीतीश कुमार अपने मंत्रियों का टिकट काटने से बचेंगे, लेकिन कई विधायकों की छुट्टी तय है।

  • 36 उम्मीदवार ऐसे हैं जो 3,000 वोटों से हारे थे
  • 50 उम्मीदवार 5,000 वोटों से कम अंतर से हारे थे
  • हिलसा में जदयू उम्मीदवार मात्र 12 वोट से हार गए थे

“सभी दलों से 50 से ज्यादा विधायकों के टिकट कटने तय हैं। एनडीए में सीट शेयरिंग फाइनल होते ही उम्मीदवारों की सूची जारी होगी।” — अरुण पांडे, राजनीतिक विश्लेषक


नए चेहरे और पूर्व IAS को भी मौका

  • कांग्रेस से आए अशोक राम के बेटे को कुशेश्वरस्थान से टिकट मिलने की संभावना है।
  • पूर्व IAS अधिकारी मनीष कुमार वर्मा, जो नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं, नालंदा जिले से किसी सीट से उतर सकते हैं।

निष्कर्ष

एनडीए में सीट शेयरिंग पर भले ही अभी सहमति न बनी हो, लेकिन नीतीश कुमार ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि जदयू अपनी तैयारी पूरी कर चुकी है। लगभग 110 सीटों पर नाम तय हैं और कई दिग्गज अपने क्षेत्र में प्रचार भी शुरू कर चुके हैं। वहीं, जिन विधायकों को अब तक “हरी झंडी” नहीं मिली है, वे असमंजस में हैं — क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी कुछ चेहरों को टिकट नहीं मिलेगा।

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