शुभ संकेत: बिहार में सर्दियों से पहले प्रवासी पक्षियों का आगमन बढ़ा

सितंबर की शुरुआत में ही मैदानी इलाकों में दिख रही कई दुर्लभ प्रजातियां

बड़ा गरुड़ प्रजनन स्थलों में बिहार बना अव्वल

पटना, 16 सितंबर।जाड़े से पहले बिहार में प्रवासी पक्षियों का दिखना इस बार शुभ संकेत माना जा रहा है। आमतौर पर अक्टूबर के मध्य में दिखने वाली ये पक्षियां इस साल सितंबर के पहले सप्ताह से ही बिहार के मैदानी इलाकों में नजर आ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव न सिर्फ कड़ी ठंड की संभावना का संकेत है बल्कि जल एवं प्राकृतिक आवासों की स्थिति में सुधार को भी दर्शाता है।


समय से पहले प्रवासी पक्षियों की आमद

राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केंद्र, पटना के अंतरिम निदेशक एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के अंतर्गत कार्यरत इंडियन बर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क के बिहार राज्य समन्वयक डॉ. गोपाल शर्मा ने बताया:

  • इस बार ग्रे-हेडेड लैपविंग, कॉमन सैंडपाइपर, ग्लॉसी आइबिस, रेड-नेक्ड फाल्कन, स्टॉर्क-बिल्ड किंगफिशर और वाइट वैगटेल जैसी प्रवासी प्रजातियां जल्दी दिखाई दे रही हैं।
  • पहले ये पक्षी सामान्यतः अक्टूबर के मध्य में आते थे।
  • समय से पहले आगमन का मुख्य कारण मौसमी बदलाव, जलवायु अस्थिरता और जल-आवास का संरक्षण माना जा रहा है।

संरक्षण का सकारात्मक संकेत

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रवासी पक्षियों की समयपूर्व आमद इस ओर इशारा करती है कि नदियों, तालाबों, जंगलों और खेतों जैसे प्राकृतिक आवासों की गुणवत्ता बेहतर हो रही है। इससे पक्षियों को रहने और प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिल रही हैं।

एशियन वाटर बर्ड सेंसस के जिला समन्वयक ने बताया:

  • इस बार बया और गौरैया की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
  • इसके पीछे कारण हैं – सर्दियों की तैयारी, खेतों में उपलब्ध अनाज और कीट-पतंगे, फसलों की कटाई के बाद खुले खेत और स्थानीय संरक्षण प्रयास।

बड़ा गरुड़ के प्रजनन स्थल में बिहार अव्वल

पक्षी विशेषज्ञ डॉ. ज्ञानी के अनुसार –

  • बड़ा गरुड़ अपने घोंसले बनाने में बेहद निपुण होता है।
  • यह पक्षी मुख्य रूप से असम की ब्रह्मपुत्र घाटी और बिहार के भागलपुर जिले के कदवा दियारा क्षेत्र में पाया जाता है।
  • वर्तमान में बिहार तीन प्रमुख प्रजनन स्थलों में अग्रणी स्थान रखता है।

प्रवासी पक्षियों की यह बढ़ती आमद न सिर्फ सर्दियों की कड़ी ठंड का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि बिहार में पक्षी संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में ठोस सुधार हो रहा है।


 

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें
  • Related Posts

    भागलपुर: समाजसेवी और जेपी आंदोलन के वरिष्ठ सेनानी बीरेंद्र नारायण सिंह उर्फ मनोज माइकल को महापौर बसुंधरा लाल ने दी श्रद्धांजलि

    Continue reading
    बिहार के हर जिला मुख्यालय में खुलेगी ओलंपिक अकादमी, प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की खोज शुरू; राज्य को IT और टेक्नोलॉजी हब बनाने की तैयारी भी तेज

    Continue reading