भागलपुर, 05 दिसंबर 2025
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे शुक्रवार को भागलपुर के भिखनपुर स्थित डॉ. उदय कांत मिश्र, डॉ. रविकांत मिश्रा एवं शिक्षाविद् श्री राजीव कांत मिश्रा के आवास पहुंचे। उन्होंने परिवार की पूज्य मातृशक्ति स्वर्गीय किशोरी देवी के श्राद्धकर्म उपरांत नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा शोकाकुल परिजनों से मिलकर संवेदना प्रकट की।
श्री चौबे ने इस अवसर पर परिवार की वरिष्ठतम सदस्य सावित्री मिश्र जी से भी भेंट की और उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने सावित्री मिश्र जी के असाधारण जीवन, सामाजिक योगदान और ऐतिहासिक घटनाओं की सजीव स्मृतियों को राष्ट्र की अमूल्य धरोहर बताया।
सावित्री मिश्र जी: नारीशक्ति और स्वतंत्रता संघर्ष का अद्भुत प्रतीक
श्री चौबे ने बताया कि सावित्री मिश्र जी का जन्म वैशाली की पावन भूमि पर हुआ था। मात्र 13 वर्ष की आयु में विवाह के बाद वे अंगप्रदेश की ऐतिहासिक नगरी भागलपुर आईं। विवाहोपरांत भी उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर भारत की आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई।
सामाजिक उत्थान, महिला शिक्षा तथा नारी सशक्तिकरण में उनका योगदान आज भी अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
उन्होंने कहा कि सावित्री मिश्र जी जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और समाजसेवा के प्रति समर्पण रखने वाली महिलाएँ ही भारतीय नारीशक्ति का वास्तविक स्वरूप हैं।
1934 के भूकंप की ऐतिहासिक स्मृतियों का जीवंत विवरण
भेंट के दौरान सावित्री मिश्र जी ने 1934 में आए विनाशकारी भूकंप के संबंध में अत्यंत महत्वपूर्ण और तथ्यपूर्ण विवरण साझा किए।
श्री चौबे ने बताया कि 100 वर्ष से अधिक आयु होने के बावजूद उनकी स्मरण शक्ति और घटनाओं को विस्तार से बयान करने की क्षमता अद्भुत है।
उन्होंने कहा—
“इतने वृद्धावस्था में भी उनका व्यक्तित्व ऊर्जा, स्पष्टता और स्मृतियों की जीवंतता से भरा हुआ है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
“ऐसी मातृशक्ति से आशीर्वाद पाना सौभाग्य”: चौबे
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि समाज और राष्ट्र निर्माण में सावित्री मिश्र जी जैसी महिलाओं का योगदान सदैव सम्मान और गर्व का विषय रहेगा।
उन्होंने कहा—
“ऐसी मातृशक्ति और नारीशक्ति के दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त करना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। इनके जीवन मूल्य और त्याग आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।”


