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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टॉनी एबॉट ने दिल्ली की आईएनए मार्केट में मिलेट्स एक्सपीरियंस सेंटर पर जाकर विभिन्न प्रकार के मिलेट्स के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने मिलेट्स से बने व्यंजनों का स्वाद भी चखा। इस मौके पर एबॉट ने कहा, “मैं मिलेट सेंटर का दौरा करके बहुत खुश हूं। मैं इस बात की सराहना करता हूं कि पीएम मोदी ने भारत के लोगों के लिए अपने सामाजिक उत्थान अभियान में मिलेट को बढ़ावा देने को एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है।”

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा, “मुझे यह स्वीकार करना चाहिए कि मैं मिलेट से वास्तव में परिचित नहीं था। ऑस्ट्रेलिया में, हम गेहूं और चावल खाते हैं, लेकिन ये विभिन्न व्यंजन स्वादिष्ट थे, और सबसे बढ़कर, जाहिर है, वे बहुत स्वस्थ थे…” उन्हें विभिन्न प्रकार के मिलेट्स और उनकी बढ़ती लोकप्रियता से परिचित कराया गया और उन्होंने मिलेट्स से बने कुछ व्यंजन भी चखे।

पूर्व प्रधानमंत्री एनएक्सटी कॉन्क्लेव 2025 में भाग लेने के लिए भारत दौरे पर हैं, जो 28 फरवरी से 1 मार्च तक भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने मिलेट्स के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल की सराहना की। पूर्व प्रधानमंत्री एबॉट ने एक हथकरघा प्रदर्शनी का भी दौरा किया, जहां उन्होंने भारत की समृद्ध विरासत और परंपरा का अनुभव किया।

इसे मौके पर ‘मिलेट फॉर हेल्थ’ की सह-संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक पल्लवी उपाध्याय ने कहा, “हमारी कंपनी यहां भारत सरकार, कृषि मंत्रालय, नेफेड के सौजन्य से सेंटर का संचालन कर रही है। हमारी यह कोशिश है कि हमारे श्री अन्न (मिलेट) से बना हुआ अच्छे से अच्छा भोजन लोगों के सामने लेकर आए। लोगों को यह समझ में आए कि हम श्री अन्न से हम चाहे जो बनाना चाहे जो खाना चाहे वो खा सकते हैं। यह हमारी सभ्यता का हिस्सा है लेकिन हम इसे भूल चुके हैं। खाने के साथ श्री अन्न से हुए उत्पाद भी हैं जिन्हें खरीदकर लोग घर भी बना सकते हैं।’

भारत के प्रस्ताव के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया था।

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