जन सुराज में शामिल हुए अररिया के पूर्व सांसद सरफराज आलम, प्रशांत किशोर, उदय सिंह और मनोज भारती ने किया स्वागत — बोले, सीमांचल में पार्टी को मिलेगी मजबूती

PK ने महागठबंधन में जारी खींचतान पर साधा निशाना – बोले, पहले स्पष्ट करें कि मुकेश सहनी उनके साथ हैं भी या नहीं; बिहार में दोनों गठबंधनों ने करोड़ों में सीटें बेचीं

तेजस्वी यादव पर भी हमला, बोले — हमें डरा नहीं सकते, राघोपुर में RJD तीसरे नंबर पर जाएगी

पटना, 16 अक्टूबर।जन सुराज पार्टी का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। पार्टी की नीतियों और सूत्रधार प्रशांत किशोर के विचारों से प्रभावित होकर विभिन्न दलों के नेता जन सुराज में शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को अररिया के पूर्व सांसद और जोकीहाट से चार बार विधायक रह चुके सरफराज आलम ने जन सुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

शेखपुरा हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर, राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने उनका स्वागत किया।

प्रशांत किशोर ने कहा, “सरफराज आलम का परिवार सीमांचल की राजनीति में अहम योगदान रखता है। उनके आने से पार्टी को सीमांचल में बड़ी मजबूती मिलेगी।”

महागठबंधन पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “पहले यह साफ किया जाए कि मुकेश सहनी अब भी महागठबंधन का हिस्सा हैं या नहीं। बिना एक भी सीट पर आधिकारिक घोषणा किए उन्होंने डिप्टी सीएम बनने का दावा कर दिया। इस बार महागठबंधन ने खुलेआम टिकटों की करोड़ों रुपये में बिक्री की है। कई जगहों पर दो-दो दलों ने एक ही सीट से उम्मीदवार उतार दिए हैं।”

राघोपुर सीट से चुनाव न लड़ने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा, “यह फैसला पार्टी का है ताकि मैं अन्य उम्मीदवारों की मदद कर सकूं। तेजस्वी यादव और उनका परिवार मिलकर भी हमें डरा नहीं सकता। इस चुनाव में राघोपुर में RJD तीसरे नंबर पर जाएगी।”

पार्टी में शामिल होने के बाद सरफराज आलम ने कहा, “मैं लंबे समय से राजनीतिक घुटन महसूस कर रहा था। प्रशांत जी ने बिहार को बदलने का जो संकल्प लिया है, उसमें अब मैं भी सहभागी बनूंगा। हम सभी 243 सीटों पर जन सुराज को जीत दिलाने का काम करेंगे।”

सरफराज आलम पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीमांचल के वरिष्ठ मुस्लिम नेता रहे स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं। उन्होंने 1996 में राजद के टिकट पर जोकीहाट से उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे। इसके बाद 2000, 2010 और 2015 में भी विधायक चुने गए। 2018 में पिता के निधन के बाद हुए उपचुनाव में वे अररिया से सांसद बने थे। उनके भाई शाहनवाज आलम फिलहाल राजद के विधायक हैं।

कार्यक्रम में प्रदेश मीडिया प्रभारी ओबैदुर रहमान, प्रवक्ता कैप्टेन राजीव रंजन और तारिक अनवर चंपारणी भी उपस्थित रहे।


 

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  • Kumar Aditya

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