
- माइनर कार्प और कैट फिश पालन को मिलेगा बढ़ावा
- 31 अगस्त तक करें ऑनलाइन आवेदन
पटना, 02 जुलाई।बिहार सरकार मत्स्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार ठोस पहल कर रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत मत्स्य निदेशालय द्वारा देशी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत माइनर कार्प और कैट फिश जैसी देशी मछलियों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि राज्य के जल संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
योजना का उद्देश्य:
- देशी मछली प्रजातियों का संरक्षण और संवर्धन
- मछली उत्पादकता और किसानों की वार्षिक आय में वृद्धि
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना
- विविध प्रजातियों की मछलियों के पालन को बढ़ावा देना
योजना के लाभ:
इस योजना के अंतर्गत चार श्रेणियों में 60% अनुदान (सब्सिडी) दिया जा रहा है। शेष राशि लाभार्थी को स्वयं या बैंक ऋण से वहन करनी होगी।
श्रेणी | योजना | इकाई लागत (इनपुट सहित) |
---|---|---|
1 | माइनर कार्प हैचरी का अधिष्ठापन | ₹13.12 लाख |
2 | कैट फिश हैचरी का अधिष्ठापन | ₹15.37 लाख |
3 | माइनर कार्प पालन मात्स्यिकी | ₹0.94 लाख |
4 | कैट फिश एवं अन्य मछलियों की पालन मात्स्यिकी | ₹1.35 लाख |
आवेदन प्रक्रिया:
- योजना राज्य के सभी जिलों में लागू है
- इच्छुक लाभार्थी 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं
- आवेदन के लिए वेबसाइट: Fisheries.bihar.gov.in
- अधिक जानकारी के लिए:
State.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.Html या संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क करें
पात्रता और शर्तें:
- आवेदक हैचरी या पालन मात्स्यिकी में से किसी एक अवयव के लिए ही अनुदान हेतु पात्र होंगे
- प्रति परिवार अधिकतम 1 एकड़ और न्यूनतम 0.25 एकड़ जलक्षेत्र की आवश्यकता होगी
यह योजना राज्य के मत्स्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे उन्हें आधुनिक तकनीक, वित्तीय सहायता और बाज़ार तक पहुंच का लाभ मिलेगा। देशी प्रजातियों को बढ़ावा देने की यह पहल सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ पारिस्थितिकी संतुलन को भी सशक्त बनाएगी।