
- भवन निर्माण विभाग और आईआईटी पटना के बीच हुआ एमओयू, अग्नि सुरक्षा पर होगा अनुसंधान और प्रशिक्षण
- उत्तर-पूर्वी भारत में अपनी तरह का पहला संस्थान, 1736 लाख रुपये की लागत से होगा निर्माण
पटना, 29 जून।बिहार में अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए भवन निर्माण विभाग और आईआईटी पटना के बीच शनिवार को एक ऐतिहासिक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हुआ। इसके तहत आईआईटी पटना परिसर में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबोरेट्री’ की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र पूरे उत्तर-पूर्वी भारत में अपनी तरह का पहला और इकलौता संस्थान होगा।
1736 लाख की लागत, आईआईटी देगा ज़मीन, विभाग बनाएगा संरचना
इस सेंटर की अनुमानित लागत करीब 17.36 करोड़ रुपये होगी।
- आईआईटी पटना इस प्रोजेक्ट के लिए नि:शुल्क ज़मीन उपलब्ध कराएगा।
- भवन निर्माण विभाग आवश्यक संरचना निर्माण और वित्तीय प्रबंधन करेगा।
- संचालन और उपकरणों के रखरखाव की ज़िम्मेदारी पांच वर्षों तक विभाग निभाएगा, जबकि तकनीकी नेतृत्व आईआईटी पटना करेगा।
शोध, जांच और प्रशिक्षण का बहुआयामी केंद्र
यह संस्थान न केवल फायर टेस्टिंग लैब के रूप में काम करेगा, बल्कि यह अग्नि सुरक्षा, बचाव तकनीक, भवन मरम्मत, और अग्निशमन नीतियों पर तकनीकी प्रशिक्षण और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र होगा।
यहां निम्नलिखित कार्य होंगे:
- भवन निर्माण सामग्री की आग प्रतिरोधक क्षमता की जांच
- अग्निकांड की स्थिति में नुकसान का आकलन और समाधान
- इंजीनियरों, कर्मियों को फायर सेफ्टी, रेस्क्यू और रेट्रोफिटिंग का प्रशिक्षण
- बहुमंजिला इमारतों में आग के फैलाव का व्यवहार अध्ययन
- स्थानीय निर्माण सामग्री की ज्वलनशीलता पर विश्लेषण
सरकारी भवनों की अग्नि सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
समारोह में भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने कहा कि यह पहल सरकारी भवनों को अधिक सुरक्षित और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, “यह केंद्र न केवल शोध के लिए, बल्कि अग्नि सुरक्षा से जुड़े कर्मियों के कौशल विकास के लिए भी केंद्रीय भूमिका निभाएगा।”
उद्घाटन समारोह में हुए हस्ताक्षर
पटना सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में:
- रेजा वारिस वारसी, मुख्य अभियंता (निरूपण), भवन निर्माण विभाग
- प्रो. टी. एन. सिंह, निदेशक, आईआईटी पटना
इन दोनों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर विभागीय अधिकारी और आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।
यह नया केंद्र न केवल बिहार बल्कि पूरे उत्तर-पूर्वी भारत के लिए अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में शोध और नवाचार की नींव रखेगा। आईआईटी पटना की तकनीकी दक्षता और राज्य सरकार की प्रशासनिक पहल से यह संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर भी एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरेगा।