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बिहार में पीएम आवास योजना में वसूली का खेल! घूस देने के बाद भी नहीं मिला लाभ, स्क्रीनशॉट वायरल

ByLuv Kush

अप्रैल 20, 2025
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सीवान, बिहार – प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की खबरें बिहार में थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला सीवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड के शंकरपुर पंचायत से सामने आया है, जहां एक लाभार्थी से 12 हजार रुपये की वसूली के बावजूद उसे योजना का लाभ नहीं मिला। पीड़ित द्वारा पैसे भेजने का पे फोन (PhonePe) स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है।

12 हजार की वसूली का आरोप, स्क्रीनशॉट वायरल

शंकरपुर पंचायत के निवासी विकास कुमार ने पंचायत के आवास सहायक सुनील कुमार पर आरोप लगाया है कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर 12 हजार रुपये की मांग की और राशि ऑनलाइन भुगतान के रूप में ले ली। विकास ने ट्रांजैक्शन का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा किया है, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है।

पहले भी वायरल हुआ था ऑडियो, कार्रवाई नहीं

गौरतलब है कि सुनील कुमार का इससे पहले भी एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें वह कथित रूप से लाभार्थियों से पैसे मांगते सुना गया था। उस समय भी मामले की जांच की बात कही गई थी, लेकिन आज तक न तो कोई ठोस कार्रवाई हुई और न ही दोषियों पर कोई सख्त कदम उठाया गया। इससे भ्रष्ट अधिकारियों का मनोबल और अधिक बढ़ गया है।

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सहसराव पंचायत में भी मनमानी की शिकायत

इसी बीच सहसराव पंचायत के मुखिया राजेश्वर साह ने भी पीएम आवास योजना में चयन प्रक्रिया में धांधली की शिकायत सीवान डीएम से की है। उन्होंने आवेदन देकर आरोप लगाया है कि पात्र लोगों को नजरअंदाज कर मनमाने ढंग से लाभार्थियों का चयन किया जा रहा है।

प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों और वायरल हो रहे सबूतों के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब पीड़ित स्क्रीनशॉट और ऑडियो जैसे पुख्ता सबूत पेश कर रहे हैं, तो दोषियों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

लोगों में बढ़ रहा आक्रोश

पीएम आवास योजना जैसी गरीबों की मदद के लिए शुरू की गई योजना में भ्रष्टाचार की खबरों से लोगों में गहरा आक्रोश है। सोशल मीडिया पर भी लोग प्रशासन की चुप्पी और भ्रष्टाचारियों की हिम्मत पर सवाल उठा रहे हैं। मांग की जा रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

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