दिल्ली में शुरू हुई e-Zero FIR पहल, साइबर वित्तीय अपराधों पर लगेगी लगाम: अमित शाह

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नई दिल्ली, 19 मई 2025:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा पहल—e-Zero FIR प्रणाली—का शुभारंभ किया। यह प्रणाली भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा विकसित की गई है और फिलहाल दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। इसका उद्देश्य है साइबर वित्तीय अपराधों की स्वचालित और त्वरित एफआईआर दर्ज कर अपराधियों पर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करना।

अमित शाह ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “साइबर सुरक्षित भारत” के विजन को मजबूत आधार देगी और साइबर अपराधों के पीड़ितों को न्याय दिलाने में सहायक सिद्ध होगी।

क्या है e-Zero FIR?

नई व्यवस्था के तहत अब NCRP पोर्टल या 1930 हेल्पलाइन पर दर्ज किए गए ₹10 लाख या उससे अधिक के साइबर वित्तीय अपराधों की शिकायतें स्वतः जीरो एफआईआर में परिवर्तित हो जाएंगी। ये एफआईआर दिल्ली के ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाएंगी और तत्पश्चात उन्हें संबंधित क्षेत्रीय साइबर पुलिस थानों को अग्रेषित किया जाएगा।

शिकायतकर्ता तीन दिनों के भीतर संबंधित पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो एफआईआर को नियमित एफआईआर में परिवर्तित कर सकते हैं।

एकीकृत साइबर सुरक्षा नेटवर्क

इस पहल में तीन प्रमुख सिस्टम—I4C का NCRP पोर्टल, दिल्ली पुलिस का e-FIR सिस्टम, और NCRB का CCTNS नेटवर्क—का एकीकरण किया गया है। इससे न केवल शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया सरल होगी बल्कि जांच की गति और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

 

BNSS के नए प्रावधानों का उपयोग

यह प्रणाली भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173(1) और 1(ii) के तहत विकसित की गई है, जिससे प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र की बाध्यता खत्म हो जाती है। यानी, देश में कहीं से भी की गई शिकायत पर दिल्ली में FIR दर्ज की जा सकती है।

जल्द ही देशव्यापी विस्तार

गृह मंत्रालय का लक्ष्य है कि यह प्रणाली दिल्ली में सफलतापूर्वक लागू होने के बाद पूरे देश में विस्तारित की जाए। अमित शाह ने कहा, “मोदी सरकार साइबर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत कर रही है, जिससे नागरिकों को गँवाए हुए धन की वसूली और दोषियों को दंड दिलाने में आसानी होगी।”

क्यों है यह पहल अहम?

  • शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया स्वचालित
  • ₹10 लाख+ की धोखाधड़ी पर त्वरित FIR
  • शिकायतकर्ता को बार-बार थाने जाने की ज़रूरत नहीं
  • तेजी से जांच और दंडात्मक कार्रवाई संभव
  • साइबर अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में गति

I4C और दिल्ली पुलिस की इस संयुक्त पहल से भारत के साइबर सुरक्षा ढांचे को नई मजबूती मिलेगी और देशभर में पीड़ितों के लिए तुरंत न्याय सुनिश्चित करना संभव हो सकेगा।


 

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