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तलाकशुदा पिता देगा बेटी की शिक्षा और विवाह का खर्च, पटना हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

ByLuv Kush

अप्रैल 24, 2025
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पटना: पटना हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक आदेश में स्पष्ट किया है कि अविवाहित बेटी की शिक्षा और विवाह का खर्च उसका वैधानिक अधिकार है, जिसे पिता द्वारा वहन किया जाना चाहिए, चाहे वह तलाकशुदा ही क्यों न हो। न्यायमूर्ति पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने यह आदेश श्वेता कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

कोर्ट का निर्देश: चार महीने में जमा करें 20 लाख रुपये

अदालत ने तलाकशुदा पिता को निर्देश दिया कि वह चार महीने के भीतर 20 लाख रुपये की राशि अदालत में जमा करें। यह राशि उनकी अविवाहित बेटी की शिक्षा और विवाह खर्च के लिए होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह बेटी का मौलिक और वैधानिक अधिकार है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।

शादी 2003 में, तलाक की प्रक्रिया 2011 से

मामले से जुड़ी जानकारी के अनुसार, पति-पत्नी की शादी 8 जनवरी 2003 को हुई थी और दिसंबर 2004 में उनकी बेटी का जन्म हुआ। वर्ष 2011 में पति ने मानसिक प्रताड़ना और अलगाव का हवाला देते हुए पटना फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की, जिसे 5 नवंबर 2022 को मंजूरी मिल गई।

हाईकोर्ट में याचिका, मां ने मांगा बेटी के लिए खर्च

फैसले से असंतुष्ट श्वेता कुमारी ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसमें उन्होंने मांग की कि तलाकशुदा पिता को बेटी के शिक्षा और विवाह खर्च की जिम्मेदारी लेने का निर्देश दिया जाए। कोर्ट ने सभी पक्षों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद यह आदेश जारी किया।

जेल सिपाही की बहाली का आदेश

इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने एक अन्य अहम फैसले में बक्सर केंद्रीय कारा के बर्खास्त सिपाही अनोज कुमार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने और सभी लाभ देने का निर्देश दिया।

बिना प्रक्रिया के हुई थी बर्खास्तगी

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुनील कुमार ने अदालत को बताया कि वर्ष 2021 में हुई बर्खास्तगी नियमों के उल्लंघन के तहत की गई थी। न तो याचिकाकर्ता को अपनी बात रखने का अवसर मिला, न ही विभागीय जांच की गई। कोर्ट ने इसे अनुचित करार देते हुए सेवा बहाली का आदेश दिया।

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