नोएडा/सुपौल — जिला न्यायालय ने शुक्रवार को 5 वर्षीय बच्ची से डिजिटल रेप के मामले में दोषी पाए गए बिहार के सुपौल निवासी नारायण प्रभु को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने उस पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
घटना का विवरण
विशेष लोक अभियोजन अधिकारी जेपी भाटी ने बताया कि यह शर्मनाक घटना 5 फरवरी 2023 को नोएडा के सेक्टर-142 में हुई थी। दोषी नारायण प्रभु उस समय एक फैक्ट्री में काम करता था और पीड़िता का पड़ोसी था। घटना के समय बच्ची के पिता ड्यूटी पर थे।
क्या है डिजिटल रेप?
डिजिटल रेप का मतलब इंटरनेट के जरिए शोषण नहीं है। “डिजिट” शब्द का अर्थ अंगुली, अंगूठा या पैर की अंगुली होता है। इस अपराध में इन्हीं का इस्तेमाल करके यौन शोषण किया जाता है। भारतीय कानून के तहत यह गंभीर यौन अपराध है और इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है।
अदालत का कड़ा रुख
अदालत ने कहा कि नाबालिग के साथ इस तरह का अपराध समाज के लिए घातक है और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में ऐसा संदेश जाए कि मासूमों के साथ दरिंदगी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।






