पटना। बिहार में 2025 के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत एक अगस्त को जारी हुई मतदाता सूची को लेकर सियासी घमासान मच गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के “मेरा नाम सूची से काट दिया गया” वाले दावे पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने करारा प्रहार किया है।
सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को झूठा, गुमराह करने वाला और लोकतंत्र के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में न सिर्फ दर्ज है, बल्कि उनकी फोटो के साथ क्रमांक संख्या 416 पर स्पष्ट रूप से अंकित भी है।
उन्होंने विधानसभा क्षेत्र 181 – दीघा (सामान्य), मतदान केंद्र 204 – बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन की सूची का हवाला देते हुए कहा, “तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम पिता लालू प्रसाद यादव के साथ यथावत दर्ज है, बावजूद इसके वह जनता को भ्रमित कर रहे हैं।”
“निर्वाचन आयोग की छवि धूमिल करने की साजिश”
चौधरी ने तेजस्वी पर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे अनर्गल आरोपों से तेजस्वी लोकतंत्र की जड़ों पर वार कर रहे हैं।
“नाम पढ़कर नहीं खोज सकते तो…?”
सम्राट चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, “अगर तेजस्वी यादव मतदाता सूची में पढ़कर भी अपना नाम नहीं खोज पा रहे, तो उनकी योग्यता पर बिहार को भी संदेह होना लाज़मी है। ये कोई कोडवर्ड से छिपाया गया नाम नहीं है। वो नाम फोटो सहित क्रमांक 416 पर दर्ज है। फिर भी रोना क्यों?”
लोकतंत्र का सम्मान करें, झूठ की राजनीति बंद करें
उपमुख्यमंत्री ने सभी दलों से अपील करते हुए कहा कि जनता के बीच तथ्य-आधारित संवाद करें और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करें। “राज्य सरकार निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर अटूट विश्वास रखती है। तेजस्वी यादव को चाहिए कि वे जनता को गुमराह करना बंद करें और तथ्यों पर आधारित राजनीति करें।”
इस बयान के बाद राज्य की सियासत में नई बहस छिड़ गई है। अब निगाहें तेजस्वी यादव के अगले बयान पर टिकी हैं, जो इस मुद्दे पर क्या सफाई देते हैं।


