भागलपुर में हाई कोर्ट खंडपीठ की स्थापना की लंबित मांग एक बार फिर जोर पकड़ती दिखाई दी। शनिवार को भागलपुर के अधिवक्ताओं ने समाहरणालय स्थित गेट नंबर 3 पर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना देकर सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की।
अधिवक्ता वर्षों से कह रहे हैं कि हाई कोर्ट बेंच की स्थापना से भागलपुर और आसपास के जिलों के लाखों लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि न्यायिक कार्यों के लिए उन्हें अब भी पटना तक लंबी यात्रा करनी पड़ती है।
“खंडपीठ की मांग पुरानी, अब कार्रवाई जरूरी”—महासचिव अंजनी कुमार
धरना स्थल पर जिला विविध संघ के महासचिव अंजनी कुमार ने कहा कि भागलपुर में हाई कोर्ट की खंडपीठ की मांग कोई नई नहीं है।
उन्होंने बताया:
- यह मांग कई वर्षों से लगातार उठाई जा रही है
- भागलपुर ऐतिहासिक, भौगोलिक और जनसंख्या के आधार पर खंडपीठ के लिए उपयुक्त स्थान है
- यहां बेंच बनने से न्यायिक प्रक्रिया तेज होगी और लोगों का समय व पैसा दोनों बचेंगे
अधिवक्ताओं ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को पटना जाकर केस लड़ना भारी पड़ता है।
न्याय तक आसान पहुंच की मांग
धरने में शामिल वकीलों ने कहा कि खंडपीठ की स्थापना से—
- मुकदमों के निपटारे की गति बढ़ेगी
- न्यायिक प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर मजबूत होगी
- इलाके के लाखों लोगों को न्याय पाने में सहूलियत होगी
- पटना हाई कोर्ट पर बढ़ा बोझ भी कम होगा
अधिवक्ताओं ने कहा कि भागलपुर प्रमंडल में कई जिले आते हैं, इसलिए यहां खंडपीठ की स्थापना न्यायिक संरचना को मजबूती देगी।
सरकार से जल्द निर्णय लेने की अपील
धरना स्थल पर अधिवक्ताओं ने एक आवाज में मांग रखी कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों इस पर गंभीरता से विचार करें और जल्द से जल्द भागलपुर में हाई कोर्ट की खंडपीठ की स्थापना का निर्णय लें।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन को आगे और व्यापक रूप दिया जाएगा।


