पटना | 27 अक्टूबर 2025: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान “मोंथा” अब बिहार के मौसम को भी प्रभावित करने लगा है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले 48 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। वहीं, कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
इन जिलों में होगी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार के भागलपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल में बारिश के आसार हैं। वहीं, शेष जिलों में मौसम सामान्य रहेगा और आसमान आंशिक रूप से साफ बना रहेगा।
29 अक्तूबर को भारी बारिश का अलर्ट
राज्य के कैमूर, बांका, रोहतास, गया, शेखपुरा और नवादा जिलों के लिए 29 अक्टूबर को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा, अधिकांश जिलों में 30-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने और वज्रपात (बिजली गिरने) की संभावना भी जताई गई है।
तापमान में आएगी गिरावट
मौसम केंद्र पटना के अनुसार,
“अगले तीन दिनों तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा,
लेकिन इसके बाद अगले दो दिनों के दौरान तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिल सकती है।”
न्यूनतम तापमान में फिलहाल कोई उल्लेखनीय परिवर्तन की संभावना नहीं है।
बंगाल की खाड़ी से उठा मोंथा तूफान
मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बना चक्रवाती तूफान मोंथा फिलहाल 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है।
यह रविवार शाम 5 बजकर 37 मिनट पर चेन्नई से लगभग 420 किमी पूर्व, काकीनाडा से 450 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, विशाखापत्तनम से 500 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और गोपालपुर (ओडिशा) से 670 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में केंद्रित था।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार,
“मोंथा चक्रवात के 28 अक्टूबर की सुबह तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) में बदलने की संभावना है।
इसके 28 अक्टूबर की शाम या रात तक मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश तट को पार करने की संभावना जताई गई है।”
तेज हवाओं का खतरा
इस दौरान तूफान की अधिकतम निरंतर गति 90 से 100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जो कुछ इलाकों में बढ़कर 110 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है। इससे तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ बिहार के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में भी वातावरण में नमी और तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।


