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भ्रष्ट CDPO को चार साल की सजा…जुर्माना भी लगा, रिश्वतखोर के खिलाफ विजिलेंस ने दर्ज किया था केस

ByLuv Kush

अप्रैल 9, 2025
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निगरानी कोर्ट ने गया के गुरारू की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सविता कुमारी को करप्शन के केस में दोषी पाते हुए 4 साल की सजा सुनाई है, साथ में 10 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज कांड में माननीय न्यायालय ने सीडीपीओ को दोषी करार दिया है।

विजय कुमार भानु, विशेष लोक अभियोजक, निगरानी (ट्रैप) पटना के द्वारा निगरानी थाना कांड संख्या-029/17 (विशेष वाद सं-24/17) प्रभावी ढ़ग से पैरवी किया गया, जिससे इस कांड में आज दिनांक 8.04.2025 को माननीय न्यायाधीश, निगरानी, पटना मो० रूस्तम द्वारा श्रीमती सविता कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, गुरारू, अतिरिक्त प्रभार कोंच, जिला गया को में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 पी०सी० एक्ट में दोषी करार देते हुए इन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- (दस हजार) रू० का अर्थदण्ड तथा धारा 13 (2) भ्र०नि०अ०धि० में चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- (दस हजार) रू० का अर्थदण्ड लगाया गया है।

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, बिहार, पटना का वर्ष 2025 में भ्रष्टाचार के विरूद्ध यह सत्रहवां प्राथ‌मिकी दर्ज करने की कार्रवाई है तथा इस वर्ष का यह तेरहवां ट्रैप है जिसमें कांड दर्ज कर रंगे हाथ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें कुल पन्द्रह गिरफ्तारी की गयी है तथा रिश्वत की कुल बरामद राशि 4,58,000/- रू० है। इसके अलावा वर्ष 2025 में अभी तक प्रत्यानुपातिक धनार्जन के कुल तीन कांड दर्ज किये गये है, जिसमें अभियुक्तों के विरुद्ध 3,81,85,616/- रू० का प्रत्यानुपातिक धनार्जन का प्रथम द्रष्ट्या साक्ष्य पाते हुए अनुसंधान किया जा रहा है।

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