गया | 31 मई 2025
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं को साधने के लिए ‘माई बहिन मान योजना’ को चुनावी मैदान में मजबूती से उतार दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता गया सहित पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर इस योजना की जानकारी दे रहे हैं और महिलाओं को इसके लाभ से अवगत करा रहे हैं।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का वादा
गया में कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष कुशवाहा ने बताया कि यह योजना राहुल गांधी की विशेष पहल है, जिसे महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही महिलाओं को राहत देने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह गारंटी है कि सत्ता में आने के बाद इस योजना को अवश्य लागू किया जाएगा। खास बात यह है कि गारंटी फॉर्म पर एक संपर्क नंबर भी दिया गया है, जिस पर महिलाएं योजना लागू न होने की स्थिति में सीधे सवाल पूछ सकेंगी।
जोर-शोर से चल रहा रजिस्ट्रेशन अभियान
कांग्रेस ने इस योजना को लेकर सिर्फ घोषणा भर नहीं की, बल्कि एक कदम आगे बढ़ते हुए महिलाओं का पंजीकरण भी शुरू कर दिया है। पार्टी के नेता व कार्यकर्ता प्रखंड से लेकर गांव स्तर तक घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म बांट रहे हैं और योजना से जुड़ी पूरी जानकारी साझा कर रहे हैं।
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महिला नेताओं ने बताया ‘सशक्तिकरण का भरोसा’
इस मौके पर कांग्रेस महिला समिति की जिलाध्यक्ष पिंकी कुमारी और नेत्री रिया ने भी इस योजना को महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसे केवल चुनावी वादा नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद वचन के रूप में पेश कर रही है।
“हमारा लक्ष्य सिर्फ वोट नहीं, बल्कि महिलाओं को उनके अधिकार और सम्मान देना है,” – पिंकी कुमारी
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मुख्य बिंदु:
- कांग्रेस ने ‘माई बहिन मान योजना’ का प्रचार-प्रसार तेज किया
- घर-घर जाकर कार्यकर्ता कर रहे हैं महिला मतदाताओं से संवाद
- योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का वादा
- राहुल गांधी ने दी “गारंटी”, न होने पर सीधे सवाल का विकल्प
- गया जिले में भी बड़े पैमाने पर हो रहा है प्रचार और निबंधन
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फील्ड से तस्वीरें और वीडियो जल्द
कांग्रेस ने योजना के प्रचार को लेकर सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर डिजिटल प्रचार की भी शुरुआत की है। पार्टी की रणनीति है कि ‘माई बहिन मान योजना’ को महिला मतदाताओं के बीच एक बड़ा मुद्दा बनाया जाए, जिससे वोटों का समीकरण कांग्रेस के पक्ष में बदला जा सके।