पटना। बिहार की सियासत इस समय हलचल में है। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के आयोजन के साथ ही राजनीतिक गलियारों में नई गतिविधियों ने जोर पकड़ लिया है। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव की मुलाकात होने वाली है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में विधानसभा चुनाव की तैयारियों और सीट बंटवारे पर गहन चर्चा होगी।
कांग्रेस के लिए अहम बैठक
सीडब्ल्यूसी की यह बैठक पार्टी के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की मौजूदगी संगठन को मजबूती देने के साथ कार्यकर्ताओं में उत्साह भी भर रही है। बैठक में संगठन की वर्तमान स्थिति, चुनाव रणनीति, गठबंधन की मजबूती और भाजपा को घेरने की नीति पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की रणनीति पर काम कर रही है और गठबंधन की ताकत से अपनी उपस्थिति फिर से दर्ज कराना चाहती है।
राहुल–तेजस्वी मुलाकात का राजनीतिक महत्व
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में उत्सुकता बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि सीट बंटवारे का मुद्दा प्रमुख रहेगा। बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में विपक्षी दलों को तालमेल बैठाकर चुनाव लड़ना होगा।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस कम से कम 70 सीटें चाहती है, जबकि आरजेडी का रुख है कि कांग्रेस को 60 सीटों से अधिक न दिया जाए। दोनों नेताओं की मुलाकात में संतुलित फार्मूला निकालने की कोशिश होगी।
विपक्ष की रणनीति
इंडिया ब्लॉक की रणनीति स्पष्ट है: भाजपा को हराने के लिए सभी दलों को मिलकर चुनाव लड़ना होगा। बैठक में चुनाव प्रचार की संयुक्त रणनीति, साझा घोषणापत्र और प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को विपक्ष चुनाव में केंद्र में लाना चाहता है।


