पटना | 06 दिसंबर 2025: बिहार में अब उद्योगों का नया दौर शुरू होने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को 1, अणे मार्ग स्थित संकल्प भवन में उद्योग विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा की और आने वाले पांच वर्षों के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास की रणनीति तैयार की। बैठक में अधिकारियों को कई सख्त निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने पेश की 5 साल की इंडस्ट्रियल मास्टर प्लान रिपोर्ट
मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने विस्तार से रोडमैप पेश किया।
उन्होंने बताया कि बिहार अब “फास्ट-ट्रैक इंडस्ट्रियल एक्सपैंशन” के फेज में प्रवेश कर चुका है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- बिहार में 5 नए मेगा फूड पार्क बनेंगे
- 10 बड़े इंडस्ट्रियल पार्क, 100 MSME पार्क तैयार किए जाएंगे
- गयाजी के डोभी में 1700 एकड़ में Integrated Manufacturing Cluster (IMC)
- 29 जिलों में 14,036 एकड़ भूमि पर 31 नए हाई-टेक औद्योगिक पार्क
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में बड़े सुधार
- उद्योग-प्रासंगिक कौशल में 7 लाख युवाओं को प्रशिक्षण
- MSME निदेशालय और हर जिले में MSME केंद्र स्थापित होंगे
सीएम नीतीश बोले—“औद्योगीकरण ही बिहार को नई ऊँचाई देगा”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्य को तेजी से आगे बढ़ाना है तो औद्योगिक क्रांति जरूरी है।
उन्होंने पिछले 20 सालों में बिहार की प्रगति के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि—
2005 बनाम 2025 — बिहार का इंडस्ट्रियल ट्रांसफॉर्मेशन
- औद्योगिक क्षेत्र: 46 → 94
- औद्योगिक इकाइयाँ: 1674 → 3500
- निर्यात: ₹25 करोड़ → ₹17,000 करोड़
- MSME यूनिट्स: 72 हजार → 35 लाख
- GSDP में उद्योगों का योगदान: 5.4% → 21%+
सीएम ने कहा—
“यह आंकड़े बताते हैं कि बिहार ने उद्योगों को पुनर्जीवित करने की दिशा में कितना काम किया है। अब लक्ष्य है कि उद्योगों में इतना विस्तार हो कि बिहार का कोई युवा रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाए।”
50 लाख करोड़ निवेश योजना—बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल पुश
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य ने अगले पाँच वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की महायोजना शुरू कर दी है।
इसके लिए—
- देश-विदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
- प्रमुख उद्योगपतियों से व्यक्तिगत संवाद
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बिहार में इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव
तैयार किए जा रहे हैं।
बिहार बनेगा पूर्वी भारत का नया टेक हब
राज्य सरकार टेक-ड्रिवन इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है:
- डिफेंस कॉरिडोर
- सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क
- ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर
- मेगा टेक सिटी
- फिनटेक सिटी
इन परियोजनाओं के लिए राज्य स्तर पर एक टॉप लेवल मॉनिटरिंग कमेटी भी बनाई गई है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने बदल दी तस्वीर
सीएम ने बताया कि इस योजना के तहत 44,073 उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है, जिससे हजारों छोटे उद्योग शुरू हुए और बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हुआ।
औद्योगिक विकास के लिए अब बिहार पूरी तरह तैयार—सड़क, रेल, एयर कनेक्टिविटी और बिजली की मजबूत व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में—
- बेहतर सड़क नेटवर्क
- रेलवे की मजबूत उपलब्धता
- हवाई कनेक्टिविटी
- 24×7 बिजली
जैसी महत्वपूर्ण आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
कानून-व्यवस्था भी पहले से काफी बेहतर है, जिससे बड़ी कंपनियाँ अब बिहार की ओर रुख कर रही हैं।
बैठक में शामिल रहे कई बड़े अधिकारी
समीक्षा बैठक में मौजूद थे:
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी,
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी,
उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल,
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव,
मुख्य सचिव,
उद्योग विभाग के सचिव कुंदन कुमार,
विकास आयुक्त, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी।
निष्कर्ष: बिहार अब बड़े औद्योगिक बदलाव के मुहाने पर
इस उच्चस्तरीय बैठक से यह संकेत साफ है कि आने वाले वर्षों में बिहार में उद्योग और निवेश का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है—बिहार को देश के शीर्ष पाँच औद्योगिक राज्यों में शामिल करना।


