पटना। बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम (फिल्म निगम) की ओर से पटना के बिहार ललित कला अकादमी में ‘गानों में अश्लीलता: समाधान’ विषय पर सिने संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकगायक श्री भरत शर्मा व्यास ने कहा कि आज भोजपुरी गीतों में अश्लीलता की वजह से लोगों की नजरें नीचे की ओर हैं, जबकि 30 साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ गायक ही नहीं, अश्लील गीत सुनने और मंच देने वाले लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
श्री व्यास ने कहा कि अश्लील गाने गाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और सुनने वालों को भी अश्लील गीत सुनना बंद करना होगा। उन्होंने बताया कि 90 के दशक में भी अश्लील गीत बाजार में आए थे, लेकिन दो-तीन साल में गायब हो गए और आज उनकी पहचान अश्लील गाने गाने वाले के तौर पर होती है।
इस अवसर पर द्विअर्थी भोजपुरी गीतों के खिलाफ मुखर रहे नंद कुमार तिवारी ने कहा कि कलाकार और लेखक दोनों से शपथ लेना होगा कि वे ऐसे गीत न लिखें और न गाएं।
फिल्म निगम की महाप्रबंधक श्रीमती रूबी (आईएएस) ने कहा कि बिहार की शास्त्रीय संगीत, लोकगीत और धुनों की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. अजय ने कहा कि अच्छा गाना गाने वालों को दर्शक, मंच और पैसा मिलेगा।
फिल्म निगम के परामर्शी श्री अरविंद रंजन दास ने कहा कि बिहार के मनोरंजन जगत में अश्लील गीतों के कारण बदनुमा छवि बनी है, और इसके समाधान के लिए ऐसे सिने संवाद आयोजित किए जा रहे हैं।
भरत शर्मा व्यास का परिचय:
‘भोजपुरी सम्राट’ के नाम से प्रसिद्ध श्री भरत शर्मा व्यास ने 1971 में रामायण के पदों के गायन से गायकी की शुरुआत की। उन्होंने शास्त्रीय संगीत में अपने पिता स्वर्गीय राजेश्वर शर्मा से प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनका पहला ऑडियो कैसेट 1989 में आया। उन्होंने ‘गोरिया चांद के ईजोरिया’ जैसे कालजयी गीत दिए। उनके योगदान के लिए उन्हें भिखारी ठाकुर सम्मान, भोजपुरी सम्राट सम्मान, भोजपुरी रतन सम्मान, राष्ट्रपति द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 2023 जैसे कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।
बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम राज्य में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने, फिल्म निर्माण में सुविधा देने और फिल्म शिक्षा के छात्रों को छात्रवृत्ति देने सहित कई पहल करता है।


