पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर मचे घमासान के बीच बड़ी खबर सामने आई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के लिए भी बीजेपी से सीट नहीं छुड़वा पाए हैं।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ने गोविंदगंज सीट पर अपने मौजूदा विधायक सुनील मणि तिवारी को फिर से मैदान में उतारने का फैसला किया है।
गोविंदगंज सीट पहले से बीजेपी के पास
गोविंदगंज सीट फिलहाल बीजेपी के कब्जे में है। मौजूदा विधायक सुनील मणि तिवारी इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। जानकारी के मुताबिक, पार्टी आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद सुनील मणि तिवारी ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और 17 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने की घोषणा कर दी है।
इस तरह बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि वह अपनी सिटिंग सीट चिराग पासवान के लिए छोड़ने के पक्ष में नहीं है।
राजू तिवारी के लिए चिराग की कोशिश नाकाम

2015 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी (रामविलास) के राजू तिवारी गोविंदगंज सीट से विधायक बने थे। कहा जा रहा था कि चिराग पासवान अपने प्रदेश अध्यक्ष के लिए हर हाल में यह सीट चाह रहे हैं। पिछले तीन दिनों से यह चर्चा थी कि बीजेपी इस सीट को चिराग के लिए छोड़ सकती है, लेकिन पार्टी के ताजा फैसले से ये अटकलें खत्म हो गई हैं।
अंदरूनी चर्चा: चिराग की दिलचस्पी कहीं और
सियासी गलियारों में एक और चर्चा यह भी है कि चिराग पासवान वास्तव में गोविंदगंज सीट को लेकर बहुत दबाव नहीं बना रहे थे।
एलजेपी (रामविलास) के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से चिराग पासवान ने टिकट बांटे थे, उसी आधार पर राजू तिवारी फिट नहीं बैठते थे।
इसलिए पार्टी के अंदर यह दिखाया जा रहा था कि चिराग अपने प्रदेश अध्यक्ष के लिए सीट मांग रहे हैं, जबकि उनकी रुचि उन सीटों पर थी जहां उनके पसंदीदा उम्मीदवार पहले से तैयार हैं।


