Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

चिराग पासवान ने एनडीए की खोली पोल? लोजपा (रामविलास) ने जातीय जनगणना पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस से बनाई दूरी

ByLuv Kush

मई 2, 2025
IMG 4005

पटना – जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय के बाद एनडीए ने इसे ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए पूरे बिहार में 2 मई को जिला मुख्यालयों में एक साथ प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। जेडीयू, बीजेपी, हम और रालोसपा जैसे घटक दलों ने अपने प्रवक्ताओं के जरिए केंद्र के इस फैसले का समर्थन किया और विपक्ष, खासकर कांग्रेस-राजद को इसके लिए घेरा। लेकिन इस अहम मौके पर लोजपा (रामविलास) की गैरमौजूदगी ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी।

एनडीए की एकता पर उठे सवाल

लोजपा (रामविलास) के किसी भी प्रवक्ता या पदाधिकारी ने किसी भी ज़िले में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शिरकत नहीं की, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने नेताओं को निर्देश दिया था कि वे प्रेस कांफ्रेंस में शामिल न हों और जातीय जनगणना को लेकर पूरा श्रेय लोजपा को दिलाने का प्रयास करें।

एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, “हमें साफ़ तौर पर कहा गया कि प्रेस कांफ्रेंस से दूर रहें और अपने स्तर से यह प्रचार करें कि केंद्र सरकार ने यह निर्णय चिराग पासवान के दबाव में लिया है।”

दबाव की राजनीति पर फिर लौटे चिराग?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान ने एक बार फिर ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ का सहारा लिया है। पहले भी वे एनडीए के भीतर अपनी पार्टी की भूमिका और सीटों को लेकर दबाव बनाते रहे हैं। अब संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस से दूरी बनाकर उन्होंने साफ संदेश दे दिया है कि वे चुनाव से पहले कोई बड़ा निर्णय लेने की तैयारी में हैं।

हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेन्द्र कुमार मुन्ना ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा,

“इस तरह की कोई बात नहीं है। पार्टी पूरी तरह से एनडीए के साथ है। हमारे नेता विभिन्न ज़िलों में प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थे। गठबंधन पूरी तरह एकजुट है।”

एनडीए ने विपक्ष पर साधा निशाना

एनडीए की प्रेस कांफ्रेंस में जेडीयू, भाजपा और अन्य दलों के नेताओं ने कांग्रेस और राजद पर जमकर निशाना साधा। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा,

“तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी जातीय जनगणना का झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, जबकि बिहार में सबसे पहले इसे लागू करने का साहस नीतीश कुमार ने दिखाया।”

भाजपा नेताओं ने भी दावा किया कि यूपीए सरकार के दौरान लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगे रहे और जातीय जनगणना को कभी गंभीरता से नहीं लिया।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *