
पटना, 13 जून 2025। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ‘संवाद’ में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक की। इस अवसर पर पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने छह महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण लोकतंत्र की आधारशिला है और इसके सशक्तिकरण के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। बैठक में मुख्यमंत्री ने जो प्रमुख घोषणाएं कीं, वे इस प्रकार हैं:
मुख्यमंत्री की छह घोषणाएं:
- मनरेगा योजना में ग्राम पंचायत मुखिया की स्वीकृति सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई।
- पंचायत प्रतिनिधियों का मासिक भत्ता डेढ़ गुना बढ़ाया जाएगा।
- 1069 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की स्वीकृति, जमीन के अभाव में पास के गाँव में भी भवन निर्माण की सुविधा।
- पंचायत प्रतिनिधियों के शस्त्र लाइसेंस आवेदनों का निपटारा तय समय सीमा में होगा।
- पंचायत प्रतिनिधियों को अब सामान्य मृत्यु पर भी 5 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान, गंभीर बीमारी पर मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से इलाज की सुविधा।
- 15वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग की राशि से 15 लाख रुपये तक की योजनाओं के क्रियान्वयन का अधिकार पंचायतों को।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज और 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50% आरक्षण देकर सामाजिक नेतृत्व में बड़ा परिवर्तन लाया गया है। पंचायत भवनों के शीघ्र निर्माण का भरोसा देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पंचायत स्तर पर कामकाज में तेजी और पारदर्शिता आएगी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता सहित कई वरीय अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मुखिया संघ अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय, जिला परिषद संघ की कृष्णा यादव, प्रमुख रश्मि कुमारी और पंच-सरपंच संघ अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की।