पीरपैंती। चुनावी माहौल के बीच पीरपैंती की राजनीति अचानक गरम हो गई है। भाजपा छोड़कर आरजेडी का दामन थामने वाले विधायक ललन कुमार गुरुवार को जब पहली बार अपने क्षेत्र लौटे, तो पूरा माहौल नारेबाज़ी से गूंज उठा।
फूल-मालाओं की बजाय भीड़ ने उनका स्वागत ‘दलबदलू नेता वापस जाओ’ के नारों से किया।
आरजेडी प्रत्याशी के प्रचार में पहुंचे थे ललन, ग्रामीणों ने घेर लिया
ललन कुमार रामपुर गांव में आरजेडी प्रत्याशी रामविलास पासवान के लिए प्रचार करने पहुंचे थे।
लेकिन जैसे ही ग्रामीणों को पता चला कि भाजपा का पूर्व चेहरा अब आरजेडी के लिए वोट मांग रहा है, लोगों का गुस्सा फट पड़ा।
ग्रामीणों ने कहा—
“जनता का भरोसा तोड़ने वाले को यहां वोट नहीं मिलेगा।”
भीड़ ने रास्ता रोककर कड़ा विरोध जताया।
रविदास समाज की महिला का ₹50,000 वाला वीडियो वायरल
इसी बीच जत्तीपुर गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने विवाद को और भड़का दिया है।
वीडियो में रविदास समाज की एक महिला विधायक से कहती दिख रही है—
“हमसे 50 हजार लिए थे, पैसा लौटाइए… नहीं तो वीडियो वायरल करेंगे।”
इसके जवाब में विधायक ललन कुमार नाराज़ होते दिखते हैं और महिला को मुकदमे की धमकी देते सुने जा सकते हैं।
वीडियो बनाने वाले व्यक्ति से विधायक का सुरक्षाकर्मी मोबाइल छीनता हुआ भी दिख रहा है।
कैमरा बंद होते ही और बड़ा हंगामा, ग्रामीण बोले— “अब गांव मत आइए”
ग्रामीणों का दावा है कि कैमरा बंद होते ही महिलाओं ने विधायक को जमकर खरी-खोटी सुनाई और उन्हें गांव छोड़ने को कह दिया।
कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि—
“पिछली बार चुनाव में कई लोगों से कर्ज लिया, जीतने के बाद लौटाया नहीं। अब चुनाव आया तो फिर प्रचार करने चले आए।”
भाजपा छोड़कर आरजेडी में शामिल होना बना बवाल का कारण
ललन पासवान ने कुछ दिन पहले भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी की मौजूदगी में आरजेडी ज्वाइन किया था।
टिकट कटने के बाद उनका यह कदम राजनीतिक रूप से बड़ा उलटफेर माना जा रहा है।
आरजेडी में भी उनके आने से कुछ स्थानीय नेताओं में असहजता बताई जा रही है।
पीरपैंती में बड़ा सवाल — क्या जनता स्वीकार करेगी ‘नया रूप’, या दलबदलू का ठप्पा रहेगा भारी?
गांवों में चर्चा सिर्फ एक ही मुद्दे पर है—
क्या जनता ललन पासवान को नए रंग में स्वीकार करेगी?
या
‘दलबदलू’ का टैग उनके अभियान को कमजोर कर देगा?
चुनाव नजदीक है, और पीरपैंती का राजनीतिक तापमान अब उबलने लगा है।


