नई दिल्ली: जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित ‘सुपर कैबिनेट’ की बैठक में पूरे देश में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया गया है। यह जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
प्रेस वार्ता के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा, “पहली बार केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है। इससे पहले की कांग्रेस सरकार ने कभी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने केवल भ्रम फैलाने का काम किया।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह फैसला राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी, जिसे आम तौर पर ‘सुपर कैबिनेट’ कहा जाता है, द्वारा लिया गया है। इस समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ देश के प्रमुख मंत्रालयों के मंत्री शामिल होते हैं — रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल।
इस निर्णय के बाद देशभर में आगामी जनगणना के दौरान नागरिकों की जाति का भी ब्योरा दर्ज किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे सामाजिक न्याय और कल्याणकारी योजनाओं को अधिक प्रभावशाली ढंग से लागू किया जा सकेगा।
इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है और यह निर्णय आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकता है।