पटना। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने जमुई के तत्कालीन वन क्षेत्रीय पदाधिकारी राजेश कुमार पर प्राथमिकी दर्ज की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पौधे लगाने के नाम पर नर्सरी संचालकों, संवेदकों और सप्लायर्स के साथ मिलकर सरकारी राशि का गबन किया और आपराधिक षड्यंत्र रचा।
परिवार और कंपनियां भी आरोपित
इस मामले में राजेश कुमार के भाई राकेश कुमार (अमहारा कंस्ट्रक्शन कंपनी संचालक), पत्नी सिम्मी कुमारी, मेसर्स फतेहपुर नर्सरी, मेसर्स लक्ष्मी नर्सरी, मेसर्स ग्रीन वर्ल्ड के मालिक समेत कुल 9 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसके अलावा कई अज्ञात संवेदक, वेंडर्स और सप्लायर्स पर भी आरोप लगाए गए हैं।
काली कमाई को सफेद करने का आरोप
ईओयू की प्राथमिकी के अनुसार, राजेश कुमार अपनी काली कमाई को भाई की कंपनी अमहारा कंस्ट्रक्शन में निवेश करते थे। इसके बाद यह राशि राकेश कुमार से “गिफ्ट” के रूप में लेकर काले धन को सफेद करने (मनी लांड्रिंग) का काम किया जाता था।
कब से चल रहा था खेल
जांच में सामने आया है कि सरकारी राशि का गबन और उसे सफेद करने का खेल 2021 से अब तक लगातार चल रहा था। फर्जी बिल बनाकर पौधे लगाने के नाम पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।
ईओयू का बयान
डीआईजी ईओयू मानवजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है। एफआईआर दर्ज कर मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।


