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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने किया लोकार्पण, बिहार बनेगा खाद्य प्रसंस्करण का हब

पटना | केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने आज पटना के गांधी मैदान स्थित बिस्कोमौन टॉवर में क्षमता निर्माण केंद्र (सीबीसी) का उद्घाटन किया। यह केंद्र प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएम-एफएमई) के तहत स्थापित किया गया है। इस अवसर पर मंत्रालय और बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग प्रतिनिधि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्यमी मौजूद रहे।

क्या है क्षमता निर्माण केंद्र (CBC)?
सीबीसी का संचालन राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टम), कुंडली द्वारा किया जाएगा। यहां अनाज, दूध और दूध उत्पाद, फल-सब्जी और मांस प्रसंस्करण के लिए पायलट प्लांट, आधुनिक प्रयोगशालाएं और एफएसएसएआई मान्यता प्राप्त खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र उपलब्ध हैं।
यह केंद्र उद्यमियों को प्रशिक्षण, कौशल विकास, इनक्यूबेशन और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराएगा।

मंत्री ने क्या कहा?
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा,

“पटना में सीबीसी बिहार के सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के लिए प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास और आधुनिक तकनीक से जुड़ने का केंद्र बनेगा। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की ओर एक बड़ा कदम है।”

उन्होंने बताया कि इस केंद्र के जरिए एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) को भी बढ़ावा मिलेगा और उद्यमियों को क्रेडिट, तकनीक और बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी।

बिहार में अब तक की मंजूरियां
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY): 15 परियोजनाएं, कुल लागत ₹748.75 करोड़, जिसमें 2 मेगा फूड पार्क, 5 कोल्ड चेन, 1 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, 5 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां और 2 परीक्षण प्रयोगशालाएं शामिल।
PM-FME योजना: 27,156 सूक्ष्म उद्यमियों को ₹1,650.64 करोड़ का ऋण, 24,924 एसएचजी सदस्यों को ₹90.12 करोड़ की सहायता।
PLI योजना: 7 स्थानों पर कंपनियों ने ₹488.66 करोड़ का निवेश किया।
इनक्यूबेशन सेंटर: संजय गांधी डेयरी प्रौद्योगिकी संस्थान (पटना) और डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (पूसा) में 2 परियोजनाएं (₹4.81 करोड़)।
ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग: 1 परियोजना को ₹1.18 करोड़ की मंजूरी।

स्थानीय उद्यमियों की भागीदारी
कार्यक्रम में मौजूद उद्यमियों और पीएम-एफएमई योजना के लाभार्थियों ने केंद्र की सराहना की और कहा कि यह पहल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए नए अवसर खोलेगी।


 

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