आज BJP प्रदेश कार्यसमिति की बैठक, विधानसभा चुनाव की बनेगी रणनीति, केंद्रीय नेताओं ने क्यों बनाई दूरी?

भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन का दौर जारी है. सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कंटिन्यू किए जाएंगे या फिर किसी नए चेहरे को सामने लाया जाएगा, इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व मंथन कर रहा है. इन सबके बीच बिहार बीजेपी की विस्तारित प्रदेश कार्य समिति की बैठक होने जा रही है. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आमंत्रित किया गया था लेकिन राजनाथ सिंह अस्वस्थ होने के चलते बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. वहीं, प्रदेश की ओर से चार नेताओं की सूची केंद्रीय नेतृत्व को दी गई थी, जिसमें शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा का नाम शामिल था।

केंद्रीय नेता शामिल नहीं होंगे: पटना शहर में पोस्टर लगाए गए हैं लेकिन पोस्टर में किसी भी केंद्रीय नेता का नाम बतौर मुख्य अतिथि नहीं दिख रहा है. किसी बड़े नेता के प्रदेश कर समिति में शामिल नहीं होने के चलते कार्यकर्ताओं में भी उत्साह नहीं है. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली भी गए थे और उनकी कोशिश थी कि कोई बड़े नेता प्रदेश कार्य समिति की बैठक में हिस्सा लें।

यूपी-झारखंड की बैठक में बड़े नेता शामिल: 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश में विस्तारित कार्य समिति की बैठक हुई थी. उस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई. इसके अलावा झारखंड में भी प्रदेश कार्य समिति की बैठक 20 जुलाई को होने जा रही है. मिल रही जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. आगामी रणनीति को लेकर कार्य समिति की बैठक में चर्चा होगी।

विनोद तावड़े के नेतृत्व में होगी बैठक: उत्तर प्रदेश और झारखंड की होने वाली बैठकों के बीच 18 जुलाई को बिहार में विस्तारित कर समिति की बैठक आयोजित की जा रही है. 3000 से अधिक कार्यकर्ताओं के बैठक में शामिल होने की संभावना है. खबर लिखे जाने तक किसी भी केंद्र के बड़े नेता के बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि बिहार प्रभारी विनोद तावड़े के नेतृत्व में बैठक होगी. सवाल यह उठता है कि यूपी की बैठक में जेपी नड्डा शामिल हुए और झारखंड की बैठक में अमित शाह शामिल होने वाले हैं तो फिर बिहार की बैठक से बड़े नेताओं ने दूरी क्यों बना ली है?

क्या कहते हैं जानकार?: राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि बिहार बीजेपी में इन दोनों गुटबाजी चरम पर है. नेता कई खेमे में बैठे हुए हैं. केंद्र सरकार में मंत्री और प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच लड़ाई छिड़ी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और संजय पासवान के बयान से गुटबाजी को बल मिल रहा है. प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. कार्यकर्ता भी पूरी तरह कंफ्यूज हैं. ऐसी स्थिति में कोई बड़ा नेता आकर राजनीति का हिस्सा बनना नहीं चाहेगा।

“केंद्रीय नेता भी चाहते हैं कि पहले प्रदेश अध्यक्ष तय हो जाए, उसके बाद ही वह ऐसी बैठकों का हिस्सा बने. यह भी महत्वपूर्ण है कि जब केंद्रीय नेतृत्व की हिस्सेदारी बैठक में नहीं होगी तो महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति भी नहीं बनेगी और खास रणनीति पर फैसला भी नहीं लिए जा सकेंगे.”- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

Related Posts

शीतकालीन सत्र में तेजस्वी की अनुपस्थिति पर सियासत तेज, जदयू का हमला — “विपक्ष टुअर हो गया”

Share पटना। बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की लगातार गैरमौजूदगी को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। तेजस्वी सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण…

बिहार की जेलों में हाईटेक सुरक्षा: 53 कारागारों में लगाए जाएंगे 9,073 सीसीटीवी कैमरे, 155 करोड़ की योजना मंजूर

Share पटना। बिहार सरकार ने राज्य की जेलों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को…