पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है।
इस सूची में पार्टी ने दोनों डिप्टी सीएम, 12 मंत्री, 48 मौजूदा विधायक, 9 महिलाएं और 12 नए चेहरों को मौका दिया है।
बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार अनुभव और युवा नेतृत्व के मिश्रण के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है।
डिप्टी सीएम समेत दिग्गज नेताओं को मिला टिकट
सूची में बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री शामिल हैं —
- सम्राट चौधरी को तारापुर सीट से,
- और विजय कुमार सिन्हा को लखीसराय सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
इसके अलावा कई वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों को भी दोबारा टिकट मिला है।
बीजेपी ने कुल 48 विधायकों को रिपीट किया है, जबकि 12 नेताओं का टिकट काटा गया है।
पहली सूची में ये प्रमुख नाम शामिल
- तारापुर: सम्राट चौधरी
- लखीसराय: विजय कुमार सिन्हा
- दीघा: संजीव चौरसिया
- बांकीपुर: नितिन नवीन
- दानापुर: रामकृपाल यादव
- पटना साहिब: रत्नेश कुशवाहा
- कुम्हरार: संजय गुप्ता
- गया: प्रेम कुमार
- जमुई: श्रेयसी सिंह
- आरा: संजय सिंह टाइगर
- अरवल: मनोज शर्मा
- रीगा: वैद्यनाथ प्रसाद
पटना साहिब और कुम्हरार से बदले उम्मीदवार
बीजेपी ने पटना की दो अहम सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है।
- पटना साहिब से नंदकिशोर यादव की जगह रत्नेश कुशवाहा, जो कि पटना हाईकोर्ट के वकील हैं, को उम्मीदवार बनाया गया है।
- वहीं कुम्हरार से अरुण कुमार सिन्हा की जगह संजय गुप्ता, जो पार्टी के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं, को टिकट दिया गया है।
एनडीए का सीट फॉर्मूला
बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा पहले ही तय हो चुका है —
- बीजेपी: 101 सीटें
- जेडीयू: 101 सीटें
- लोजपा (रामविलास): 29 सीटें
- हम पार्टी (जीतन राम मांझी): 6 सीटें
- रालोसपा (उपेंद्र कुशवाहा): 6 सीटें
बीजेपी ने इन 101 में से पहले चरण में 71 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
अब पार्टी की दूसरी सूची में 30 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए जाएंगे।
दो चरणों में होगा मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में होंगे —
- पहला चरण: 6 नवंबर
- दूसरा चरण: 11 नवंबर
वहीं मतगणना 14 नवंबर को होगी।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बीजेपी की पहली सूची से यह साफ संकेत मिला है कि पार्टी ने संगठन व निष्ठा को प्राथमिकता दी है।
नए चेहरों के साथ महिला उम्मीदवारों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है, जिससे पार्टी की संतुलित रणनीति नजर आ रही है।







