मुजफ्फरपुर: जिले की 97 पारू विधानसभा सीट से लगातार चार बार जीत दर्ज करने वाले वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक अशोक कुमार सिंह ने इस बार भाजपा से टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।
समर्थकों की भारी उपस्थिति
अशोक सिंह के नामांकन के दौरान हजारों समर्थक मौजूद थे और जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। वर्ष 2005 से 2020 तक लगातार पारू से विधायक रहे अशोक सिंह की पकड़ क्षेत्र में मजबूत मानी जाती है।
राजनीतिक तीखे तेवर
अशोक सिंह ने भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा, “मेरा टिकट केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कटवाया। भाजपा अब दलालों का अड्डा बन गई है। राज्यसभा और एमएलसी का प्रस्ताव आया, लेकिन मुझे विधायक बनना पसंद है। इसलिए मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।”
उन्होंने एनडीए प्रत्याशी मदन चौधरी पर भी सवाल उठाया और कहा, “अगर नित्यानंद राय में ताकत है, तो अपने उम्मीदवार को जीताकर दिखाएं।”
मौजूदा समीकरण
इस बार एनडीए गठबंधन में पारू सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा (अब आरएलडी) के खाते में चली गई है। अशोक सिंह के बागी तेवर से पारू सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प होने की संभावना है।
विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अशोक सिंह न केवल पारू बल्कि आसपास के इलाकों में भी मजबूत जनाधार रखते हैं। उनके निर्दलीय चुनाव से बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है और पारू विधानसभा का समीकरण पूरी तरह बदल सकता है।


