बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के नाम पर अब सस्पेंस खत्म होता दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखा है और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने सोमवार को औपचारिक रूप से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया।
बीजेपी पहले से ही सरकार में गृह मंत्रालय संभाल रही है, जिसकी जिम्मेदारी डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को दी गई है। ऐसे में स्पीकर पद भी बीजेपी के हिस्से में ही रहना तय माना जा रहा था।
पार्टी ने भरोसा जताया, प्रेम कुमार ने किया नामांकन
शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही प्रेम कुमार ने दोनों डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी की मौजूदगी में नामांकन किया।
वे अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं और बिहार की राजनीति में सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं।
प्रेम कुमार को नीतीश कैबिनेट में शामिल न किए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें बड़ा संवैधानिक पद मिल सकता है।
कौन हैं प्रेम कुमार?
- बीजेपी के सबसे वरिष्ठ और लगातार 9 बार के विधायक
- गया जिले से राजनीति का सबसे मजबूत चेहरा
- कई महत्वपूर्ण विभागों—कृषि, वन एवं पर्यावरण, सहकारिता, पीएचईडी और पथ निर्माण—का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर चुके
- अपनी सादगी और शांत कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं
पार्टी ने उनकी सीनियरिटी और अनुभव को देखते हुए स्पीकर पद के लिए चुना है।
“मंत्री न बनने का कोई अफसोस नहीं” — प्रेम कुमार
नामांकन के बाद उन्होंने कहा:
“एनडीए की ओर से मुझे नामांकन करने को कहा गया, मैंने प्रक्रिया पूरी कर दी है। जो भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी नेतृत्व ने जताया है, उसके लिए मैं आभारी हूँ।
मुझे मंत्री या उपमुख्यमंत्री न बनाए जाने का कोई अफसोस नहीं। जो भी जिम्मेदारी मिली है, मैंने ईमानदारी से निभाई है। पक्ष और विपक्ष के साथ बेहतर सामंजस्य रखते हुए सदन का संचालन करूंगा।”
निर्विरोध चुनाव लगभग तय
विपक्ष के पास केवल 25 विधायक हैं, जबकि एनडीए के पास 202 सीटें हैं। ऐसे में प्रेम कुमार का निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना लगभग निश्चित माना जा रहा है।
अध्यक्ष पद का चुनाव मंगलवार को कराया जाएगा।
18वीं विधानसभा का विशेष सत्र शुरू
1 दिसंबर से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया।
- प्रोटेम स्पीकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई।
- कई सदस्य अनुपस्थित रहे, जिन्हें अध्यक्ष के चुनाव के बाद शपथ दिलाई जाएगी।
- इसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
यह सत्र विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद आयोजित किया जा रहा है, जिसमें एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। जेडीयू NDA के भीतर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।


