बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बीजेपी को एक बड़ी राजनीतिक बढ़त मिली है। दादरा नगर हवेली, दमन और दीव (डीएनएचडी) के स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। 5 नवंबर को हुए चुनावों में बीजेपी ने कुल 122 में से 107 सीटों पर कब्जा जमाकर बेहतरीन प्रदर्शन किया।
इसके साथ ही पार्टी ने लगभग सभी नगर परिषदों, जिला पंचायतों और ग्राम पंचायतों में बहुमत हासिल कर लिया। खास बात यह है कि बीजेपी पहले ही 75% से अधिक सीटों पर निर्विरोध जीत चुकि थी।
इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें, जबकि बाकी सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे।
जनपदों में ऐसा रहा परिणाम
✅ दमन जिला पंचायत
- कुल 16 सीट
- 10 सीटें पहले से ही बीजेपी के कब्जे में (निर्विरोध)
- बाकी 6 में से 5 बीजेपी ने जीती
- 1 सीट निर्दलीय धर्मिष्ठा पटेल के नाम
✅ दमन नगर परिषद
- कुल 15 सीटें
- 12 निर्विरोध बीजेपी
- शेष 3 में से 2 सीट और जीती
- 1 सीट जयंतीलाल मित्तल (निर्दलीय) को
✅ दादरा नगर हवेली जिला पंचायत
- कुल 26 सीटें
- 17 पर निर्विरोध जीत
- बाकी 9 में से 7 बीजेपी ने जीती
- 2 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं
✅ दीव जिला पंचायत
- कुल 8 सीटें
- 5 पर निर्विरोध बीजेपी
- शेष सभी सीटों पर भी बीजेपी की जीत
✅ अन्य निकायों में प्रदर्शन
- दमन नगर परिषद: 15 में से 14 सीटें बीजेपी समर्थित
- ग्राम पंचायत: 16 में से 15 सीटें बीजेपी समर्थित
- सिलवासा नगर परिषद: सभी 15 सीटों पर बीजेपी की जीत
2020 के मुकाबले इस बार बीजेपी ने अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की है।
BJP की जीत क्या संकेत देती है?
बीजेपी की यह जीत न सिर्फ स्थानीय निकायों में पार्टी की मजबूत पकड़ को दर्शाती है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि—
✅ संगठनात्मक स्तर पर पार्टी बेहद मजबूत है
✅ स्थानीय मुद्दों और विकास एजेंडा पर जनता का भरोसा कायम है
✅ आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति बेहतर तरीके से काम कर रही है
विशेषकर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में यह परिणाम बीजेपी के लिए मनोबल बढ़ाने वाले साबित हो सकते हैं।
बिहार में बढ़ सकता है राजनीतिक दबाव
बिहार में पहले ही चुनावी माहौल गर्म है।
बीजेपी की इस बड़ी जीत से—
- विपक्ष की चिंता बढ़ना तय
- एनडीए का आत्मविश्वास बढ़ा
- चुनाव प्रचार रणनीति और आक्रामक हो सकती है
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह परिणाम बिहार में भी बीजेपी के लिए माहौल बनाने में मदद कर सकते हैं।
आगामी चुनावों पर किसका पलड़ा भारी?
बिहार में स्थानीय और विधानसभा चुनावों में—
- मजबूत संगठन
- सक्रिय कार्यकर्ता
- व्यापक जनसमर्थन
बीजेपी को बढ़त दिला सकता है। वहीं, विपक्ष को रणनीति और प्रचार पर ज्यादा ध्यान देना होगा, ताकि मुकाबले को संतुलित किया जा सके।
ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के मतदाताओं के बीच प्रभाव बनाने के लिए—
✅ जनसभा
✅ रोड शो
✅ सोशल मीडिया अभियान
आगामी दिनों में निर्णायक साबित हो सकते हैं।


